बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘भारत के वीर’ नाम की  वेबसाइट लॉन्च की है. इस वेबसाइट का मक़सद सेना के शहीदों के परिजनों को आर्थिक सहयोग करना है. इस वेबसाइट का निर्माण भारत सरकार ने किया है.  इसे 9 अप्रैल के दिन इसलिए लॉन्च किया गया है, क्योंकि इसी दिन 1965 में सीआरपीएफ की एक टुकड़ी ने गुजरात की सरदार पोस्ट को बचाया था. इस दिन 34 सीआरपीएफ के जवानों ने  3500 पाकिस्तानी सैनिकों का सामना किया था, जिसमें 8 जवान शहीद हुए थे.  इस वेबसाइट का नाम Bharatkeveer.gov.in है. सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स यानि देश के अर्धसैनिक बल का कोई भी जवान अगर शहीद हो जाता है तो उसका पूरा डीटेल इस वेबसाइट पर डाला जाएगा. किसी भी तरीके से कहीं से भी मदद करनेवाला शख्स इस वेबसाइट के जरिए दान कर सकता है. सबसे पहले मदद करने वाले शख्स को इस वेबसाइट पर अपना  डीटेल डालना होगा, फिर कितनी धनराशि वो देना चाहता हैइसका विवरण देना होगा. एक बार में 15 लाख तक का दान दिया जा सकता है दरअसल ये वेबसाइट अभिनेता कुमार के दिमाग की उपज है. अक्षय कुमार खुद गृह मंत्रालय आए और कुछ दिनों पहले और उन्होंने इस वेबसाइट को लॉन्च करने का आइडिया दिया, तब जाकर ये वेबसाइट लॉन्च की गई. शुरुआती तौर पर एसबीआई के कुछ कर्मचारी संगठनों ने इसमें 1 लाख का दान दिया है. इस मुद्दे पर अभिनेता अक्षय कुमार का कहना है, ‘मेरे दिमाग में एक आइडिया आया कि आतंकवादियों को जब ये प्रलोभन दिया जाता है कि तुम काम करो हम तुम्हारा खयाल रखेंगेइसी तरीके से पॉजिटिव तरीके में इस वेबसाइट को डेवलप किया गया है ताकि फोर्स को प्रोत्साहन मिले. सारा देश ऐसे जांबाजों से जुड़ना चाहता है और ये वेबसाइट एक जरिया है. आज मैं एक्टर होने के नाते नहीं बल्कि मेरे पिता आर्मी में थे उनका बेटा होने के नाते आया हूं. वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह का अलग अंदाज इस मौके पर देखने को मिलना, उनका कहना था कि ऐसे बहादुरों को देखने से मुर्दा भी जिन्दा हो उठेगा, शौर्य और पराक्रम बाजार में खरीदा नहीं जा सकता. राष्ट्र विरोधी ताकतें इन्हें हरा नहीं सकता, कोई ये सोच नहीं सकता कि चेतन चीता आज जिन्दा हैं. ये उनके हौसले का ही नतीजा है कि 9 गोली खाने के बाद जिन्दा हैं. अक्षय कुमार फिल्म और बाहर दोनों में ऐक्शन में रहते हैं, मुझे इन्हे एक्शन कुमार कहना चाहिये. ये पोर्टल अक्षय कुमार की इच्छा से लॉन्च हो रहा है. सीआरपीएफ की वीरता और बहादुरी पर मुझे नाज है, मैं जितना करना चाहता हूं उतना कर नहीं पा रहा हूं. हमारी दिली ख़्वाहिश के कि इनकी मदद करने के लिए एक हेल्दी सपोर्ट सिस्टम होना चाहिये, ज़िन्दगी भर हम जवानों का एहसान नहीं उतार पाएंगे. अर्धसैनिक बलों का कोई भी जवान अगर शहीद होता है तो उसे एक करोड़ रुपए मिलेंगे. चाहे इसके लिये मुझे देश के सामने हाथ क्यों न फैलाना पड़े साथ ही गृहमंत्री ने ये भी दावा किया कि माओवादियों का प्रभाव पिछले दो सालों में 40 फीसदी जो कम हुआ है वो सीआरपीएफ की वजह से है,कुछ लोग ऐसे हैं जो हमारे जवानों पर पत्थर फेंकते हैं.. लेकिन ये कैसी दरियादिली है कि सीआरपीएफ उनकी मदद मुसीबत के वक्त करती है..ये वेबसाइट रविवार से ही शुरू हो गई है और आनेवाले दिनों में जरूरत के हिसाब से इसमें अगर बदलाव की जरूरत हुई तो वो भी किया जाएगा.
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