राज्य सभा ने जीएसटी के चारों विधेयकों को बिना किसी संशोधन के अपनी मंजूरी दे दी, लोक सभा ने इन विधेयकों को 29 मार्च को ही पास कर दिया थाl अब 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने का रास्ता साफ हो गया हैl
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में जीएसटी से संबंधित चारों विधेयक पारित होने पर अपनी सीट से उठकर विपक्ष की सीटों की ओर गए तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा से हाथ मिलाया तथा विधेयकों के समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
अब सभी राज्यों को स्टेट जीएसटी विधेयक अपनी-अपनी विधानसभाओं में पारित कराना होगा, जिसके बाद एक राष्ट्र, एक टैक्स का नया जीएसटी कानून लागू किया जा सकेगाl जीएसटी देश की आजादी के बाद का सबसे बड़ा ‘आर्थिक सुधार’ माना जा रहा हैl
राज्यसभा में आठ घंटे चली लंबी परिचर्चा के बाद जीएसटी से जुड़े चार बिलों सेंट्रल जीएसटी, (CGST) इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST), यूनियन टेरिटरी जीएसटी (UGST) और कॉम्पेंसेशन जीएसटी बिलों को राज्यसभा ने बिना संशोधनों के पास कर दियाl संविधान संशोधन बिल जीएसटी को मनी बिल की तरह पेश किया गया था, जिस कारण लोकसभा से पास होने के बाद इसे राज्यसभा की मंजूरी मिलना लगभग तय ही थाl इन विधेयकों में हाँलाकि कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश ने कई महत्वपूर्ण संशोधनों का प्रस्ताव किया था जिसे बाद में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर वापिस ले लिया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में जीएसटी बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि इस बिल का क्रेडिट किसी व्यक्ति या सरकार को नहीं बल्कि सभी को जाता हैl यह ऐतिहासिक दिन है, जीएसटी का सभी दलों की सहमित से पास होना भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा हैl मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि जब देशहित की बात आई तो सभी दल और नेता एक स्वर में बोलेl
जेटली ने कहा कि जीएसटी में कृषि क्षेत्र टैक्स दायरे से बाहर रहेगाl राज्य सरकारों के पास टैक्स लगाने का अधिकार है लेकिन जिन कारणों से अभी कृषि को टैक्स दायरे से बाहर रखा गया है, उन्हीं कारणों से आगे भी ये क्षेत्र टैक्स से बाहर ही रहेगाl
जीएसटी के तहत खाने-पीने के जरूरी सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, कृषि समेत दूसरी आवश्यक चीजों का टैक्स स्लैब शून्य (0) होगाl दूसरा स्लैब- 5 फीसदी और तीसरा स्लैब 12 फीसदी और 18 फीसदी का हैl इसके अलावा लग्जरी टैक्स स्लैब को दो भागों टैक्स और सेस में बांटा गया है, इसमें टैक्स की दर 28 फीसदी होगीl हालांकि इन टैक्स की दरों को राज्य और केंद्र सरकार की भागीदारी से बनी जीएसटी काउंसिल की फाइनल मंजूरी मिलना अभी बाकी हैl आने वाली 18-19 मई को जीएसटी काउंसिल जीएसटी रेट पर चर्चा करेगी.
जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र और राज्यों द्वारा अभी लगाए जा रहे 20 से अधिक अप्रत्यक्ष टैक्स (इनडायरेक्ट टैक्स) खत्म होकर एक टैक्स जीएसटी लगेगाl जीएसटी आने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी(सीवीडी), स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम(एसएडी), वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, ऑक्ट्राय एंड एंट्री टैक्स, परचेज टैक्स एवं लक्जरी टैक्स खत्म हो जाएंगेl इसके बाद हर राज्य में अलग-अलग प्रकार के लगने वाले टैक्स खत्म होंगे और जो वस्तु जहां मैन्यूफैक्चर होगी उसी जगह टैक्स वसूली हो जाएगीl इसके लागू होने के बाद चुंगी कर या बिक्री पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा, कुछ प्रोडक्ट इनमें शामिल नहीं होंगेl
वर्ष 2006 के वित्त विधेयक में जीएसटी की परिकल्पना की गयी थी और वर्ष 2011 में पहली बार इसके लिए संविधान संशोधन विधेयक लाया गया था। कई वर्षों तक चली यह प्रक्रिया अब लागू होने की स्थिति में आ गई है।