अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अधिकारियों पर आरोप है कि छात्रावास में रहने वाले गैर मुस्लिम छात्रों को रमजान के दौरान नाश्ता और खाना नहीं दिया जा रहा है। यह मामला उस समय सामने आया जब भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता विनय वाष्णेय ने कल आरोप लगाया था कि एएमयू के हास्टल में रहने वाले हिन्दू छात्रों को नाश्ता और खाना नहीं दिया जा रहा है और यूनिवर्सिटी प्रशासन उन्हें रमजान के महीने में जबरन भूखा रहने पर मजबूर कर रहा है। यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज इस बात की पुष्टि की है कि कल इस मामले में मानव संसाधन मंत्रालय ने सफाई मांगी थी। इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कहा कि कुछ लोग जो रोजा नहीं रखते है उन्हें रमजान की शुरुआत के कुछ दिनों थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन हर बार ऐसी व्यवस्था होती है कि हिन्दू, मुस्लिम जो भी छात्र खाने की मांग करते है उन्हें खाना उपलब्ध कराया जाता है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति के मीडिया सलाहकार ने जासिम मोहम्मद ने बताया कि कल कुलपति को जैसे ही इस मामले की खबर लगी उन्होंने तुरंत लिखित आदेश दिए कि जो छात्र रोजा नहीं रखते है वह अपने हास्टल के अधिकारियों को इस बात की सूचना दें उन्हें खाना उपलब्ध कराया जाएगा। जासिम मोहम्मद ने बताया कि जबसे यूनिवर्सिटी स्थापित हुई तबसे लगभग सभी हास्टल के भोजन कक्ष दिन के समय बंद रहते है और जो लोग रोज नहीं रखते है वह हास्टल के अधिकारियों को इस बारे में सूचित करते है और उन्हें खाना उपलब्ध कराया जाता है।

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