50 लाख की पुरानी करेंसी के साथ 5 लोग पकड़ाये, नाले में भी मिली 3.84 लाख की पुरानी करेंसी
पिलखुवा में 50 लाख रुपये के पुराने नोटों के साथ पांच लोग पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। पुलिस और इनकम टैक्स के अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं।
एसपी हेमंत कुटियाल ने बताया कि पिलखुवा पुलिस को सूचना मिली कि एक कार में कुछ संदिग्ध लोग घूम रहे हैं। इसके बाद पिलखुवा के थाना प्रभारी निरीक्षक दीपक त्यागी ने पुलिस टीम की मदद से घेराबंदी कर पांचों संदिग्ध लोगों को कार सहित दबोच लिया। कार की तलाशी लेने पर उसमें 50 लाख 50 हजार की पुरानी करेंसी मिली। इनमें 47 लाख एक-एक हजार व बाकी पांच-पांच सौ के पुराने नोट थे।
पूछताछ में आरोपियों ने अपनी पहचान सन्नी, रुपेश, पप्पू तीनों दिल्ली निवासी, अनिल फरीदाबाद निवासी व विनोद मेरठ निवासी बताया है। इतनी बड़ी रकम कहां से आई और किस प्रकार इसे बदलने का झांसा दिया जा रहा था। झांसा देने वाले की खोज करने के साथ ही इस मामले की पूरी जांच की जा रही है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि इन लोगों को कमीशन पर नोट बदलने का झांसा देकर दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने यहां बुलाया था। लेकिन वह ऐन वक्त पर नहीं आया और इन लोगों के पिलखुवा पहुंचने पर इन्हें बरगलाता रहा। जिसके कारण काफी देर तक आरोपी पिलखुवा में इधर-उधर भटकते रहे थे। संदिग्ध हालत में घूमते देख किसी ने इनकी सूचना पुलिस को दे दी थी।
उधर लखनऊ के आशियाना इलाके में स्मृति उपवन के पास शनिवार 6 मई को सुबह नाले की सफाई के दौरान पुरानी करेंसी के 3.84 लाख रुपये मिले। रकम फेंकने वाले का पता लगाया जा रहा है। नगर निगम के जोनल अधिकारी ने नोटों से भरा पॉलीथिन बैग पुलिस को सौंपा।
स्मृति उपवन चौराहे के पास नाले की सफाई कर रहे कर्मचारियों ने गंदगी के बीच नोटों से भरा पॉलीथिन बैग देखा। बैग को कीचड़ से बाहर निकाला और लाखों रुपये हाथ लगने की खुशी में झपट पड़े। पुरानी करेंसी के रुपयों से भरा पॉलीथिन बैग मिलने से उत्साहित सफाई कर्मियों ने और रकम मिलने की आस में काफी दूर तक नाला खंगाला। नाले से निकाले कचरे को भी चेक किया।
लेकिन पुरानी करेंसी के नोट देखकर निराश कर्मचारियों ने अपने जोनल अधिकारी सूरज सिंह को बताया, जिन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने बताया कि पुरानी करेंसी के 3.84 लाख रुपये में एक हजार के 354 और पांच सौ के 60 नोट थे, इनमें कुछ जले-कटे भी थे। अंदेशा है कि नोट बंदी के दौरान काले धन के नोट बदलने में नाकाम रहे व्यक्ति ने रकम पॉलीथिन में भरकर नाले में फेंकी होगी।