आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड समेत नौ राज्यों में करीब 2500 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 1100 संपत्तियों को चिह्नित किया है। इन संपत्तियों का मूल्य करीब 2500 करोड़ रुपये है। जिनके खिलाफ दूसरे चरण के तहत विभाग जल्द ही कार्रवाई करने वाला है। बेनामी संपत्ति कानून लागू होने के बाद विभाग ने बेनामी संपत्तियों पर शिकंजा कसने के लिए उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के लिए अलग- अलग टीम तैयार की है। बताया जाता है कि बैंक खातों में जमा धन, जमीनों, फ्लैटों और आभूषण के तौर पर एकत्र काफी बेनामी संपत्तियों का पता चला है। आयकर विभाग ने नवंबर 2016 में कानून लागू होते ही जम्मू-कश्मीर को छोड़कर उत्तर भारत के नौ राज्यों में स्थित अपने कार्यालयों को बेनामी सौदों के संबंध में दस्तावेज जुटाने को कहा था। इन कार्यालयों द्वारा भेजे गए इनपुट के आधार पर ही इन संपत्तियों का पता चला है। बेनामी संपत्ति कानून के तहत बेनामी लेनदेन करने पर सात साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा जानबूझकर गलत सूचना देने वालों को उनकी संपत्ति के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत तक जुर्माना भी देना पड़ सकता है। उत्तर भारत के चिह्नित किए गए बेनामी सौदों के तार उद्यमियों, व्यवसायियों, अधिकारियों और कई नेताओं से जुड़े हैं। जिनके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने के बाद आयकर विभाग छह माह के अंदर इन संपत्तियों को जब्त करेगी। बेनामी संपत्ति कानून लागू होने के सात माह के भीतर विभाग ने पहले चरण में कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कार्रवाई कर 400 से ज्यादा बेनामी सौदों के 600 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को कुर्क किया था। सूत्र बताते हैं कि उत्तर भारत में मुखौटा कंपनियों का भी बड़ा जाल है।

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