UP खनन घोटाला : हाईकोर्ट के आदेश एवं अपने ही ई-टेंडर नीति का अखिलेश यादव ने उल्लंघन किया
हमीरपुर में हुए खनन घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शामिल होने के CBI को पुख्ता सबूत मिले हैं. दस्तावेजों के अनुसार अखिलेश यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन करने के साथ ही अपने सरकार की ही ई-टेंडर नीति का उल्लंघन करते हुए खनन मंत्री के रूप में स्वयं 14 पट्टों का आवंटन किया. जाँच की आंच पूर्व मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद सपा और बसपा ने एक मंच से भाजपा और मोदी सरकार पर हमला बोला.
मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव ने 31 मई 2012 को खनन पट्टों की नीलामी ई-टेंडर से कराने का नियम बनाया था. इसके बाद 29 जनवरी 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस पर मुहर लगाते हुए यह भी साफ कर दिया था कि 31 मई 2012 के पहले जिन लोगों ने पट्टों के आवेदन किए थे या जिनके आवेदन लंबित थे, उन सभी को निरस्त माना जाए. यानी सभी को ई-टेंडर प्रणाली के माध्यम से नया आवेदन करना होगा.
जबकि हाईकोर्ट के फैसले के 18 दिन बाद ही खनन मंत्री के रूप में CM अखिलेश यादव ने अपने नियम और हाईकोर्ट के फैसले की धज्जियां उड़ाते हुए हमीरपुर की जिलाधिकारी बी चंद्रलेखा द्वारा भेजे गये खनन के 13 पट्टों के आवंटन प्रस्ताव पर 17 फरवरी 2013 को एक साथ मंजूरी दे दी. इसके बाद 14 जून 2013 को उन्होंने इसी तरह एक और खनन पट्टे की मंजूरी दी. गायत्री प्रजापति ने खनन मंत्री बनने के बाद कुल आठ पट्टों को मंजूरी दी, जिनमें एक पट्टा सपा सांसद घनश्याम अनुरागी को दिया गया.
उत्तरप्रदेश सरकार के नियम के मुताबिक पांच लाख रुपये तक का खनन पट्टा देने का अधिकार जिलाधिकारी को होता है, लेकिन पांच लाख रुपये से अधिक के पट्टे के लिए खनन मंत्री की मंजूरी जरूरी होती है. आदेश का उल्लंघन करते हुए खनन पट्टों के आवंटन को देख इलाहाबाद हाईकोर्ट स्वयं हैरान था और यही कारण है कि उसने CBI को पूरे जांच की जिम्मेदारी सौंपी.
खनन घोटाले को लेकर पड़े छापे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक इसकी आंच पहुंचने के बाद सपा और बसपा ने साझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर भाजपा और मोदी सरकार पर हमला बोला है. इन्होंने कहा कि मोदी सरकार CBI का ग़लत इस्तेमाल कर विपक्ष को डरा रही है. सपा-बसपा के गठबंधन की ख़बर से ही BJP डर गई और उसकी सरकार ने तोते से गठबंधन कर लिया. अखिलेश यादव ने BJP की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके पास CBI है तो हमारे पास गठबंधन है. BJP ध्यान रखे कि CBI चुनाव नहीं जीताती है. सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि UP में BJP को पैर रखने की जगह नहीं मिलेगी. PM को बनारस छोड़कर कहीं और जाना होगा. समाजवादी पार्टी और हमारे सहयोगी दल जब सड़कों पर उतरेंगे तो इन्हें काम करना मुश्किल हो जाएगा.
बसपा के सतीश मिश्र ने कहा कि अगर आरोप अधिकारी पर हैं, तो फिर आरोप मंत्री पर कैसे हो सकते हैं? हमीरपुर में जो हुआ है, उसके लिए मुख्यमंत्री कैसे जिम्मेदार है? CBI की धमकी से साबित होता है कि सरकार कैसे CBI को ध्वस्त कर रही है. UP में न कानून व्यवस्था है और न ही यहाँ महिला सुरक्षित है.
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने UP में CBI की कार्रवाई का मामला आज लोकसभा में भी उठाते हुए कहा कि 4 जनवरी को बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच मुलाकात हुई थी. दुसरे दिन 5 जनवरी को CBI द्वारा UP में छापे की कार्रवाई की गई. सरकार CBI को तोते की तरह इस्तेमाल कर रही है.
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अखिलेश के साथ खड़े होने का एलान किया. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि नरेंद्र मोदी ने किसानों और मजदूरों पर ध्यान नहीं दिया और CBI जैसी संस्थाओं के जरिए दूसरी पार्टियों पर दबाव बनाने का काम किया. सरकार जाते-जाते अखिलेश यादव के खिलाफ कार्रवाई करने में लगी है. सरकार बने हुए इतने साल हो गए, तब से उसे यह क्यों नहीं दिखा. चुनाव के दौरान गठबंधन न हो, इसलिए यह सब हो रहा है. लेकिन इस देश में ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी.
इसके पूर्व भी अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर CBI जांच को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि लोकसभा के चुनाव की खातिर CBI का दुरुपयोग किया जा रहा है. भाजपा कितने भी षडयंत्र करे, जनता स्वयं भाजपा से बदला लेने को तैयार है. मैं स्वयं CBI का सामना करने को तैयार हूँ.
CBI जांच में सामने आया है कि हमीरपुर की DM रहते हुए IAS बी चंद्रकला ने दस अन्य लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचते हुए अवैध खनन करवाया था. 2012 से 2016 के बीच हुए इस घोटाले का पूरा सच जानने के लिए CBI पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी पूछताछ कर सकती है. क्योंकि 2012 से 2013 के बीच खनन विभाग अखिलेश के ही पास था, बाद में गायत्री प्रसाद प्रजापति को खनन मंत्री बनाया गया.