उपमुख्यमंत्री ने गया एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री से मिल NDA की पटना रैली में आने का आग्रह किया
प्रधानमंत्री द्वारा झारखंड के पलामू में 1972 में शुरू की गई मंडल डैम परियोजना के अधूरे कार्यों के शिलान्यास के बाद वापस लौटने के दौरान गया एयरपोर्ट पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा के अन्य वरीय नेताओं व राज्य सरकार के मंत्रियों ने PM नरेंद्र मोदी को विदाई दी.
इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने मंडल डैम परियोजना के बचे हुए कार्यों का 45 साल बाद शुभारंभ करने के लिए धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री से पटना में फरवरी के अंतिम सप्ताह में एनडीए की प्रस्तावित रैली में आने का आग्रह किया. गया हवाई अड्डे पर उपमुख्यमंत्री के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, संगठन मंत्री नागेन्द्र जी सहित दर्जनों भाजपा नेता मौजूद थे.
श्री मोदी ने बाद में कहा कि इस डैम से बिहार-झारखंड के 1.11 लाख हेक्टेयर खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी. बिहार के औरंगाबाद, जहानाबाद और अरवल जिला के लाखों किसान इससे लाभान्वित होंगे. ज्ञात है कि 1972 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री केदार पाण्डेय ने मंडल डैम परियोजना का शुभारंभ किया था. लम्बे समय से अटकी हुई मंडल डैम परियोजना के अवशेष कार्यों को पूरा कराने के लिए हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिपरिषद ने 1622 करोड़ रूपये की मंजूरी प्रदान की है.
सुशील मोदी ने आज दो ट्वीट किया- पहला “UPA सरकार के समय बैंकों का 9000 करोड़ रुपये लेने के बाद राजग सरकार की सख्ती के कारण देश से भागने वाले विजय माल्या को NDA सरकार में ही बने PMLA एक्ट के तहत ED की याचिका पर भगोड़ा घोषित किया गया और ऐसे ही दागी उद्योगपति मेहुल चोकसी की 13000 करोड़ की सम्पत्ति थाईलैंड में जब्त की गई. भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री का जीरो टालरेंस रंग ला रहा है.”
दूसरा- हर परिवारवादी पार्टी की कड़वी सच्चाई यही है कि वहां संसदीय बोर्ड या विधायक दल जैसी संस्थाएं केवल लोकतंत्र का दिखावा करने के लिए होती हैं. कांग्रेस, राजद, सपा, बसपा जैसे दलों में फैसले ऐसे ही होते हैं. अब ऐसी ही एक पार्टी में भाई ने बड़ी बहन को कहीं से उम्मीदवार घोषित कर दिया, तो यह उस पार्टी के चरित्र के अनुरूप ही था, लेकिन जिन्हें बुरा लगा, वे संसदीय बोर्ड की दुहाई देने लगे. राजद के नेता बतायें कि जब राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनवाया गया था, तब विधायक दल को निर्णय करने दिया गया था या यह फैसला उस पर थोपा गया था?