बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमार नवगीत को निर्वाचन आयोग के स्वीप योजना के तहत आईकॉन बनाया गया है.
राज्य के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विवेकानंद झा द्वारा इस आशय का पत्र जारी करते हुए डॉ नीतू कुमार नवगीत को मतदाता जागरूकता ईवीएम मशीन संबंधित जागरूकता तथा निर्वाचन संबंधी अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए निर्वाचन आयोग के स्वीप योजना के तहत जहानाबाद जिला आईकॉन बनाया गया है.
इस संदर्भ में जहानाबाद जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर यह निर्णय लिया गया. डॉ नीतू स्वयम शकूराबाद से संबंध रखती हैं और महिला सशक्तिकरण, नारी शिक्षा तथा स्वच्छता पर आधारित गीत गायन एवं लेखन में सिद्धहस्त है. इन्होंने लोकगीतों के माध्यम से दहेज प्रथा, बाल विवाह और भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक विसंगतियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए पुरे प्रदेश में प्रसिद्धि पायी है.
आकाशवाणी एवं दूरदर्शन की नियमित कलाकार नीतू नवगीत के कार्यक्रम दूरदर्शन के रांची, पटना और मुजफ्फरपुर केंद्र के अलावा राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित होते रहे हैं. ज़ी टीवी, एबीपी न्यूज़, बिग गंगा और कशिश चैनल पर भी इनके कार्यक्रम प्रसारित किये गये हैं. हिंदी साहित्य में पीएचडी नीतू हिंदी, भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और नगपुरिया भाषा में गीत गाती हैं. महिला सशक्तिकरण और बालिकाओं को उचित शिक्षा देने संबंधित इनके एल्बम “बिटिया है अनमोल रतन” ने पुरे देश में काफी प्रशंसा अर्जित की है. वैसे इनके कई म्यूजिक एल्बम यथा- पावन लागे लाली चुनरिया, बहंगी लचकत जाए, स्वच्छता से सम्मान, गांधी गान और मोरी बाली उमरिया आदी निकल चुके हैं.
बिहार कोकिला सम्मान, जगजननी सम्मान, राष्ट्रीय युवा कला सम्मान, गोपाल सिंह नेपाली कला सम्मान आदि से सम्मानित डॉ नीतू ने गोवा में आयोजित बिहार महोत्सव, अयोध्या में आयोजित रामायण महोत्सव, रांची में आयोजित जगन्नाथ महोत्सव के अलावा कई स्थानों पर अपनी प्रस्तुती दी है. विदेश मंत्रालय के भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के अलावे इन्होंने वाणावर महोत्सव, शेरशाह महोत्सव, हरिहर क्षेत्र महोत्सव, थावे महोत्सव, मेंहदार महोत्सव, मुंगेर महोत्सव, मार्तंड महोत्सव, श्रावणी मेला महोत्सव, विद्यापति राजकीय महोत्सव, केसरिया महोत्सव सहित बिहार के विभिन्न जिलों में अपने कार्यक्रम में वाह- वाही लूटी हैं.
जहानाबाद जिले की चुनाव आइकॉन बनने के बाद उन्होंने कहा कि लोकगीतों के माध्यम से युवाओं तथा महिलाओं को निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल होने तथा अपने मताधिकार का निश्चित इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करने में अपनी पूरी उर्जा लगायेंगी क्योंकि मतदान और निर्वाचन प्रक्रिया लोकतंत्र का महापर्व है और इस महापर्व में भाग लेकर हमें गर्व महसूस करना चाहिए.