आरा के आवासीय विद्यालय में घुस गोलीबारी करने के मामले में स्पीडी ट्रायल हो
डॉ अम्बेडकर आवासीय विद्यालय, मौलाबाग में नव समन्त और स्थानीय रंगदार द्वारा वहाँ रहने वाले छात्रों के साथ दिनदहाड़े मार- पीट करने और उसके बाद गोली चलाने की घोर निंदा करते हुए मामले के अभियुक्तों की अबिलम्ब गिरफ्तारी के साथ स्पीडी ट्रायल करराने की मांग की गयी है.
राज्य अनुसूचित जाति आयोग,बिहार के पूर्व अध्यक्ष विद्यानंद विकल, दलित विकास अभियान समिति के निदेशक धर्मेन्द्र कुमार, दलित मुक्ति मिशन के महेन्द्र कुमार रौशन और जमुई के प्रदीप कुमार ने शनिवार को डॉ अम्बेडकर छात्रावास, मौलाबाग आरा में जाकर सामूहिक रूप से सभी छात्रों के बीच वस्तु स्थिति की जानकारी लेने के बाद उपरोक्त मांग की है. इन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार को भी छात्रावास में बुलवाया.
टीम ने वहाँ पाया कि छात्रावास में रहने वाले दलित छात्रों के साथ 24 दिसंबर 2018 को दिनदहाड़े वहाँ घुसकर दबंगों ने लगभग सभी को बुरी तरह से मारा- पीटा और उसके बाद गोलियां से भुनने तक का प्रयास किया. जिसमें योगेश कुमार नामक B-ed के छात्र को गोली लगी जबकि अन्य कई घायल हुए. योगेश आज PMCH में मौत से जूझ रहा है. छात्रावास अधीक्षक यहाँ पदस्थापित जरुर हैं पर इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी उनका दीदार 29 दिसम्बर को दिन भर रहने वाली टीम को नहीं हुआ.
अम्बेडकर आवासीय विद्यालय, मौलाबाग में नाम के लिए 19 कमरे हैं. परन्तु उन सभी की स्थिति काफी दयनीय है. लगभग कमरों के छत टूट कर गिरते रहते हैं. पूरा भवन अंदर और बाहर से देखने पर जर्जर नजर आता है. पहले यह एक सौ छात्रों के लिए था और उसी के अनुरूप रहने की व्यवस्था थी. पूरा भवन खंडहर में तब्दील होने के कगार पर है पर छात्रों की संख्या बढ़ाकर दो सौ कर दी गयी है. दो सौ छात्र अपनी जिन्दगी को दांव पर लगाकर यहाँ रहने को विवश हैं. चारदीवारी के नाम पर भी खानापूर्ति मात्र ने इन लोगों का जीवन और भी ज्यादा संकटपूर्ण और भयग्रस्त बना दिया है. दो सौ छात्रों के लिए वैसे तो नाम के लिए 6 शौचालय हैं पर उनकी स्थिति भवन से भी ज्यादा बदतर हैं, जिनमें न छत है न पानी की कोई व्यवस्था. पेयजल के लिए बच्चे सप्लाई वाटर पर निर्भर हैं, जिससे पानी गिरा तो पीजिए नहीं तो….
सर्वाधिक दुःखद हालात यह है कि लगातार आंतक के साये में जीने को विवश छात्रों के इस दीन- हीन छात्रावास पर भी बाहरी दबगों की कुदृष्टि लगी रहती है. स्थिति का जायजा लेने पहुंची टीम के सामने आया कि 24 दिसम्बर 2018 के अपराह्न लगभग साढ़े बारह बजे कुलक पिछड़ा नवसामन्त और स्थानीय रंगदार भरत यादव ने अपने अपराधी सरगनाओं के साथ (जिसमें स्वयं उसके दोनों बेटे शशि एवं लड्डू शामिल थे) के साथ छात्रवास कैम्पस में हरवे- हथियार के साथ प्रवेश किया तथा दलित छात्रों पर अपना कहर ढाना शुरू कर दिया. उन्होंने पहले तो रॉड एवं लाठी से प्रहार कर राहुल, मनीष, सुधीर, मदन व रविन्द्र को जख्मी किया और फिर B-ed के छात्र योगेश कुमार को अपने लाइसेंसी हथियार से गोली मार कर लहूलुहान करने के बाद छात्रवास खाली करने की धमकी देते हुए फायरिग करते आराम से चल दिए. इस घटना के विरुद्ध दलित छात्र संगठनों भीम सेना और भीम आर्मी के बैनर तले परिवाद मार्च किया गया.
गोली से लहूलुहान छात्र योगेश शारीरिक रूप से तन्दरुस्त है, फलस्वरूप गोली लगने के बाद भी मौत से अबतक संघर्ष कर पाया. हाँलाकि PMCH के चिकित्सकों विशेषकर डॉक्टर विजय कुमार के बेहतर देखरेख से अब वो खतरे से बाहर है. टीम की पहल और प्रयास से जिला कल्याण पदाधिकारी ने तत्काल एक लाख का चेक योगेश को प्रदान किया गया. टीम ने इस मामले के अभियुक्तों को अविलम्ब गिरफ्तार कर केश में स्पीडी ट्रायल की मांग की है.