करोड़ों की डील का स्टिंग आने के बाद UP के तीन मंत्रियों के निजी सचिव निलंबित, जांच के लिए SIT गठित
उत्तर प्रदेश के तीन मंत्रियों के निजी सचिवों को ट्रांसफर, पोस्टिंग और ठेके पट्टे के नाम पर पैसे की डिमांड करते दिखाए गए स्टिंग के सामने आने के बाद तीनों को निलंबित कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने अविलम्ब तीनों को सस्पेंड करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. सरकार ने मामले की विस्तृत जाँच हेतु लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्ण के नेतृत्व में एक SIT गठित किया है.
UP में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के जितने प्रयास हो रहे हैं, भ्रष्टाचार उसके मुकाबले उतनी ही तेज़ी से विकराल रूप धारण करता जा रहा है. एक निजी चैनल पर दिखाए गए स्टिंग आपरेशन में तीन मंत्रियों के निजी सचिव ट्रांसफर, पोस्टिंग और ठेके पट्टे के नाम पर पैसे की डिमांड करते दिखाए गए हैं. स्टिंग के सामने आते ही सरकार ने अपनी ओर से त्वरित करवाई करते हुए हजरतगंज थाने में तीनों के खिलाफ FIR दर्ज कराते हुए SIT से दस दिनों में रिपोर्ट देने को कह है.
सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए प्रदेश में एंटी करप्शन पोर्टल बनाने के साथ ही भ्रष्टाचार संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई कर रही है, लेकिन निचले स्तर से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में अभी तक सफलता मिलता नजर नहीं आ रहा है. मुख्यमंत्री की सख्ती के कारण पिछली सरकारों में जो काम कम पैसे में हो जाते थे उनके लिए अब दुगुने पैसे लग रहे हैं. मंत्रियों, आला अधिकारियों से लेकर निचले स्तर तक भ्रष्टाचार आम दिनचर्या है.
स्टिंग में प्रदेश सरकार के खनन राज्यमंत्री अर्चना पाण्डेय, भासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव शामिल हैं. तीनों मंत्रियों ने मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कठोर कार्रवाई का समर्थन किया है. सचिवालय प्रशासन के अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
शिवसेना के प्रवक्ता संतोष दुबे ने प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार का ठीकरा सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि पूरी सरकार भ्रष्टाचार का जखीरा है. व्याप्त भ्रष्टाचार के काकस को तोड़ने में सरकार नाकाम साबित हो रही है और इससे मुख्यमंत्री की छवि भी खराब हो रही है.
भाजपा नेता प्रेम त्रिपाठी ने इस संदर्भ में कहा कि वर्तमान सरकार के समय में भ्रष्टाचार दुगुना बढ़ गया है. इसका कारण अधिकारी और कर्मचारी हैं जो सरकार को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक अन्य मंत्री रीता बहुगुणा जोशी का निजी सचिव भी भ्रष्टाचार में लिप्त है, उसके विरुद्ध भी कार्यवाही होनी चाहिए.