GST : नये साल का तोहफा, 28% स्लैब में केवल 28 वस्तुएं
जीएसटी परिषद की नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई 31वीं बैठक ने आम लोगों को राहत देते हुए टीवी स्क्रीन, सिनेमा के टिकट और पावर बैंक सहित 23 चीजों पर GST की दरों में कमी कर दी है.
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद फैसलों की घोषणा करते हुए कहा कि GST की दरों को तर्कसंगत बनाना एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि अब 28 प्रतिशत के स्लैब में केवल 28 वस्तुएं बची हैं. 33 चीजों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया है. जीएसटी की संशोधित दरें एक जनवरी, 2019 से लागू होगी. परिषद की अगली बैठक में रियल एस्टेट के जीएसटी पर विचार-विमर्श होगा.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत अन्य कांग्रेस शासित राज्यों ने 28 फीसदी स्लैब से कुछ उत्पादों को बाहर किए जाने का विरोध किया. कांग्रेस शासित इन राज्यों का कहना था कि स्लैब रेट घटाने के पीछे राजनीतिक फायदा हासिल करने की योजना है.
केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्रियों की 15 सितंबर 2016 को गठित जीएसटी परिषद की इससे पहले 30 बार हुई बैठक में कुल 979 फैसले लिए गए हैं. परिषद ने अपनी 31वीं बैठक में जीएसटी की 28 प्रतिशत की सर्वोच्च कर के दायरे में आने वाली वस्तुओं में से 7 को निम्न दर वाले स्लैब में डाल दिया है. उन्होंने बताया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में एक सेंट्रलाइज्ड एडवांस रूलिंग अथॉरिटी बनाने पर भी सहमत बनी है.
32 इंच तक के मॉनिटर, टीवी स्क्रीन, डिजिटल व वीडियो कैमरे, टायर, पावर बैंक, वीडियो गेम्स पर अब 28 प्रतिशत की बजाय 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. 33 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत और 5 प्रतिशत कर दी गई है. बैंकों द्वारा प्राथमिक बचत खातों, प्रधानमंत्री जनधन योजना के खातों पर दी जाने वाली सेवाओं को जीएसटी से मुक्त करते हुये दिव्यांगों के उपकरणों पर जीएसटी घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है. सौ रुपये से कम के मूवी टिकट पर टैक्स 18 से घटाकर 12 फीसदी कर दिया है. जबकि 100 रुपये से ज्यादा के टिकट पर जीएसटी 28 की जगह 18 फीसदी लगेगा. बिजनेस क्लास एयर टिकट 12 प्रतिशत और इकोनॉमी क्लास एयर टिकट 5 प्रतिशत के स्लैब में रखे गए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कहा था कि जीएसटी व्यवस्था काफी हद तक स्थापित हो चुकी है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं जहां 99 प्रतिशत चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत तक के कर स्लैब में आयें.