क्या 3,000 करोड़ रुपये की लागत से बनी दुनिया की सबसे लंबे कद की मूर्ति में एक महीने के अंदर ही दरार पड़ गई है? क्या सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ टूटने लगी है? सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट का यही दावा है.
क्या है इस वायरल पोस्ट में?
कुछ तस्वीरें हैं. गुजरात में लगी सरदार पटेल की मूर्ति की फोटोज़. काफी ज़ूम करके शॉट लिया गया है. हमको इसमें पैरों का हिस्सा दिखता है. इसमें सफेद रंग की लकीरें हैं. लोगों ने फोकस करने के लिए इसे गोल घेरे में दिखाया है. उनका दावा है कि ये सफेद लकीरें असल में दरारें हैं. फोटोज़ के साथ जो मेसेज वायरल हो रहा है, उसमें लिखा है-
सच क्या है?
हमने सोचा, पहले ये देखें कि जब मूर्ति का उद्घाटन हुआ, तब ये किस हालत में थी. हम स्टैचू ऑफ यूनिटी की वेबसाइट पर गए. 31 अक्टूबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मूर्ति का उद्घाटन किया था. इस मौके की कई तस्वीरें हैं इस वेबसाइट पर. कई क्लोज़ ऐंगल से ली गई फोटोज़ भी हैं. वहां भी हमें मूर्ति पर सफेद लकीरें दिखीं. आपने घर बनते देखा है? या कोई ऐसा घर देखा है, जिसमें ईंट के ऊपर प्लास्टर न हुआ हो? उसमें साफ-साफ दिखता है कि ईंटें एक-दूसरे से कैसे जुड़ी हुई हैं. वेबसाइट पर हमें कुछ ऐसी फोटोज़ दिखीं, जिनमें ब्लॉक सा दिख रहा था. मानो अलग-अलग टुकड़ों को आपस में जोड़कर ढांचा बनाया गया हो. जोड़ने वाली जगहों पर सफेद लकीरें दिख रही थीं. कुछ जूम शॉट्स हम आपको नीचे दिखा रहे हैं. आपको समझ आ जाएगा कि हम क्या कह रहे हैं-
टेक्निकल साइड भी जान लीजिए
ये तो हुआ ऑब्जर्वेशन. मगर कुछ ऑथेंटिक सोर्स भी तो होना चाहिए जानकारी का. यही सोचकर हमने बात की पी सी व्यास से. ये जनाब स्टैचू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के चीफ इंजिनियर हैं. मूर्ति के बनने, उसकी डिजाइनिंग जैसी टेक्निकल चीजों से बेहद करीब से जुड़े रहे हैं. उन्होंने बताया कि वायरल पोस्ट में लोग जिसे मूर्ति में आई दरार बता रहे हैं, वो असल में दरार है ही नहीं. उन्होंने बताया कि ये मूर्ति अलग-अलग पैनल्स को आपस में जोड़कर बनाई गई है.
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