छोटे उद्यमियों को 59 मिनट में एक करोड़ तक का लोन पास होगा : PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) एवं उद्यमियों को कारोबार सुगमता उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता है. हमारी सरकार कारोबार में सुगमता और जीवन में आसानी सुनिश्चित करने का कार्य कर रही है.
दिल्ली के विज्ञान भवन से MSME के लिए सपोर्ट एंड आउटरीच इनिशिएटिव कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लघु उद्योग सेक्टर में लिए गए बारह बड़े फैसलों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हम भली-भांति जानते हैं कि MSME या छोटे उद्योग हमारे देश में करोड़ों देशवासियों की रोजी-रोटी का साधन हैं, अर्थव्यवस्था में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. कृषि के बाद MSME ही रोज़गार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है. खेती अगर भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है तो MSME उसके मज़बूत कदम हैं, जो देश की प्रगति को गति देने का काम करते हैं.
मोदी ने कहा कि कहीं दूर, देश के किसी कोने में बैठे आपके उद्यमी भाई या बहन को मात्र 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक के कर्ज की मंजूरी इस वक्त भी दी जा रही है. GST पंजीकृत हर MSME को एक करोड़ रुपये तक के नए कर्ज या इन्क्रीमेंटल लोन की रकम पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. साथ ही अब सरकारी कंपनियां जितना सामान खरीदती हैं, उसमें अब 25 प्रतिशत लघु उद्योगों की हिस्सेदारी होगी. साथ ही ये भी तय किया गया है कि इसमें से कुल खरीद का 3 प्रतिशत, महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित होगा.
मोदी ने कहा कि टेक्नॉलोजी अपग्रेश के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि देशभर में टूलरूम की व्यवस्था को और विस्तार दिया जाए. इसके लिए देशभर में 20 हब बनाए जाएंगे और टूलरूम जैसे 100 स्पोक देशभर में स्थापित किए जाएंगे. PM ने इसके लिए 6 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया. छोटे उद्यमियों को कम से कम फॉर्म और रिटर्न देने पड़ें इसके लिए बड़ा फैसला लेते हुए बताया कि 8 श्रम कानूनों और 10 केन्द्रीय नियमों के तहत दिया जाना वाला रिटर्न अब साल में दो बार की जगह एक बार ही देना पड़ेगा. सरकार, व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए ह्यूमन इंटरवेंशन को कम करने के लिए लगातार काम कर रही है.
मोदी ने कहा कि कई शहरों की पहचान, उनके यहां चलने वाले लघु उद्योगों की वजह से ही है. देश के हर जिले के साथ, उसकी एक खास पहचान जुड़ी हुई है. भारत ग्लोबल इकॉनोमी में ब्राइट स्पॉट बनकर चमक रहा है. वैश्विक कारोबार की चर्चा के केंद्र में नया भारत है. भारत में चार-साढ़े चार वर्षों में जो बदलाव हुए हैं, छोटे उद्योग उसके सबसे बड़े भागीदार हैं. डिजिटल लेन-देन को आत्मसात किया है, ई-कॉमर्स जैसी नई व्यवस्थाओं के साथ तालमेल बिठाया है, GST जैसे देश के इतने बड़े टैक्स रीफॉर्म को अपनाया है. देश में हुए अनेक सुधारों और फैसलों की वजह से भारत में व्यापार करना बहुत आसान हो गया है.
मोदी ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैकिंग में टॉप-50 में आना अब बहुत दूर नहीं है. दो दिन पहले आई विश्व बैंक द्वारा जारी ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैकिंग 2018 में भारत 23 रैकिंग की उछाल के साथ 77वें स्थान पर पहुंच चुका है. 4 साल पहले कोई सोच नहीं कर सकता था, वो हमने करके दिखाया है.
इस अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इतिहास में पहली बार भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाला देश बन गया है. जब केंद्र में यह सरकार आई थी तो देश की अर्थव्यवस्था 9वें नंबर पर थी अब 6ठे नंबर पर आ गई है. उम्मीद है कि देश की अर्थव्यवस्था आगे और अच्छी होगी. जीएसटी का आधार सरल हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार को प्रगति करनी है, और लाभ पहुंचाना है. देश के 7 लाख गांवों में बिजली पहुंची. जिन घरों में बिजली नहीं है, उन्हें सरकारी खर्च पर बिजली दी जाएगी. इस देश की क्षमता सिर्फ सरकारी कार्य से ही नहीं है, यह देश में कम पूंजी के साथ सफल व्यवसाय करने की क्षमता से है. सरकार का दायित्व अच्छी व्यवस्था प्रदान करना है.
ज्ञात है कि देश में 6.3 करोड़ से ज्यादा MSME यूनिट कार्य कर रही हैं जिनमें 11.1 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है. देश की GDP में MSME सेक्टर का योगदान करीब 30 प्रतिशत, देश के कुल निर्यात में करीब 40 प्रतिशत तथा मैन्यूफैक्चरिंग आउटपुट में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
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