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मधेपुरा से सांसद तथा जनअधिकार पार्टी के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को हथकड़ी लगाने के मामले में सहायक निरीक्षक प्रदीप कुमार, सहायक अवर निरीक्षक जमालुद्दीन और 9 सिपाही कुल 11 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है।
एसएसपी मनु महाराज के अनुसार पूरे मामले की जांच के बाद सभी पुलिसवालों पर कार्रवाई की गयी है। इन सभी पुलिस वालों ने गैर जिम्मेदाराना तरीके से सांसद को हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेश किया था। पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर जनअधिकार पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प के बाद पुलिस ने पप्पू यादव को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी 24 जनवरी को विधि व्यवस्था को लेकर पटना के गांधी मैदान थाने में दर्ज एक मामले में की गई थी, जिसमें सांसद पर प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करने का आरोप लगा था।
पप्पू यादव की सांसद पत्नी रंजीता रंजन ने संसद सत्र में इन्हें हथकड़ी लगाए जाने के खिलाफ आवाज उठायी थी। जिसके बाद से ही बिहार पुलिस में खलबली मची हुई थी। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस मामले की रिपोर्ट मंगाने का आश्वासन रंजीता रंजन को दिया था।
एक अप्रैल को प्रथम श्रेणी की न्यायिक दंडाधिकारी संगीता कुमारी की अदालत में पप्पू यादव को पेश किए जाने पर दंडाधिकारी ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पप्पू यादव की जमानत याचिका खारिज करते हुए 13 अप्रैल तक के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का निर्देश दिया थाl
जनअधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव अपनी गिरफ्तारी के दिन बिहार कर्मचारी चयन आयोग में प्रश्नपत्र लीक मामले, बिजली दर में बढोत्तरी सहित अन्य मामलों को लेकर पार्टी द्वारा 27 मार्च को पटना में आयोजित धरना में भाग लिया थाl उन्हें एक अप्रैल को अदालत में पेश किए जाने के लिए पटना स्थित बेउर जेल से कैदी वाहन से हाथ में हथकडी लगाकर लाया गया थाl