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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर देश की सबसे लंबी रोड टनल का उद्घाटन केने के बाद उसमें कुछ दूर पैदल भी चले। इसके बाद PM ने ऊधमपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि 40 साल से यहां लहू बह रहा है, आपके सामने दो रास्ते हैं। एक तरफ टूरिज्म और दूसरी तरफ टेरेरिज्म। टूरिज्म की ताकत को पहचानना चाहिए। दिल्ली की सरकार कश्मीर के साथ है। हिंदुस्तान के हर शख्स का सपना है कि वो एक बार कश्मीर देखे।
पीएम ने कहा कि नवरात्र के दौरान यहां आने का मौका मिला, इसके लिए आप सबका आभारी हूं। ये सिर्फ लंबी सुरंग नहीं है। ये जम्मू और श्रीनगर की दूरी कम करने वाली सुरंग नहीं है। ये विकास की एक लंबी छलांग है। दुनिया के लिए भी यह एक बड़ी आशा है। पर्यावरणविदों की नजर जाने की संभावना कम थी। हमने पर्यावरण की रक्षा का काम भी किया है। भारत ने संदेश दिया है कि हिमालय की छाती में सुरंग बनाकर भारत ने पर्यावरण की रक्षा की है।
मोदी ने कहा कि सुरंग में पैसा भारत सरकार का लगा है लेकिन इसमें यहां के नौजवानों का पसीना लगा है। यहां के नौजवानों ने एक हजार दिन से ज्यादा तक पसीना बहाया, पत्थर काटकर सुरंग बनाया। PM ने पत्थरबाजों पर तंज कसते हुए कहा कि पत्थर की ताकत क्या होती है? एक जगह भटके हुए नौजवान पत्थर मारने में लगे हैं, दूसरी ओर, पत्थर काटकर नौजवान भारत का भाग्य बनाने में लगे हैं।
मोदी ने कहा कि किसान की फसल बर्बाद हो जाती थी। अब ये सुरंग यहां के किसानों के लिए वरदान है। किसानों को घाटा नहीं होगा। ये लाभ कश्मीर घाटी को मिलने वाला है। यहां की टूरिज्म इंडस्ट्री अब आगे निकल जाएगी। आपके सामने दो रास्ते हैं। एक तरफ टूरिज्म और दूसरी तरफ टेरेरिज्म। 40 साल से यहां लहू बह रहा है। टूरिज्म की ताकत को पहचानना चाहिए। दिल्ली की सरकार कश्मीर के साथ है। महबूबा जी ने आधे से अधिक बजट जमीन पर खर्च किया है। इसके लिए उन्हें बधाई।
PM ने कहा कि यहां ऐसी 9 सुरंग बनाने का फैसला किया गया है। ये रास्ते सिर्फ सड़कों को ही नहीं, बल्कि दिलों को भी जोड़ेंगे। यहां का भाग्य बदलने के लिए शिक्षा और रोजगार का लाभ उठाएं। जम्मू का विकास भी तेजी से हो रहा है। खून के खेल से किसी का फायदा नहीं हुआ। सीमा पार के लोग समझ जाएं। उन्हें विकास दिखाना है। क्योंकि यही मार्ग आगे ले जाता है।
जम्मू-कश्मीर 286 किलोमीटर लंबे फोर लेन हाईवे पर 3720 करोड़ रुपए के खर्च से बनी 9.2 किलोमीटर लंबी ये ट्विन ट्यूब टनल है। इस टनल में कई खूबियां हैं। अगर मुख्य सुरंग में किसी तरह की दिक्कत आती है तो इमरजेंसी के लिए इसके पैरेलल एक और टनल बनाई गई है। दुनिया में मौजूद बेहतरीन सेफ्टी फीचर्स का इसमें इस्तेमाल किया गया है। फायर कंट्रोल, वेंटिलेशन, सिग्नल, कम्युनिकेशन और ऑटोमैटिक इलेक्ट्रिकल सिस्टम लगाए गए हैं। पूरी टनल को एक कंट्रोल रूम से मॉनिटर किया जाएगा। सुरंग में हर 75 मीटर पर हाई रेजोल्यूशन के 124 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। पांच मीटर से ऊंचे व्हीकल सुरंग से नहीं गुजर सकेंगे। मोबाइल नेटवर्क की फैसिलिटी भी यहां मिलेगी। खास बात ये है कि घाटी में एवलांच या स्नोफॉल के दौरान भी इस टनल के ऑपरेशन पर कोई दिक्कत नहीं होगी।
अब जम्मू से श्रीनगर की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी। दोनों में से किसी भी शहर में पहुंचने में अब 2.30 घंटे कम लगेंगे। चेनानी से नाशरी की दूरी वैसे तो 41 किलोमीटर है, लेकिन इस टनल के शुरू होने से यह दूरी सिर्फ 10.9 किलोमीटर रह जाएगी। इसके ऑपरेशन की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी संभालेगी। इसका ट्रायल 9 से 15 मार्च के बीच पीक ऑवर्स और नॉन पीक ऑवर्स में किया जा चुका है। सुरंग से रोज करीब 27 लाख का फ्यूल बचेगा यानी हर साल करीब 99 करोड़ रुपए के फ्यूल की बचत होगी।