मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कानून का राज स्थापित करने को शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए पुलिस अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली बदलने की सख्त हिदायत दी है.
मुख्यमंत्री ने कल वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि पुलिस अफसर अपनी कार्यपद्धति में बदलाव लाएं ताकि आम जनता को यह महसूस हो कि उसे राहत मिली है, वह सुरक्षित है और नई सरकार के आते ही एक नया माहौल बना है. पुलिस आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करें और छोटी से छोटी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए, उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई करें, जिससे ऐसी घटनाएं किसी बड़े खतरे का कारण न बन सकें.
पुलिस की कार्य प्रणाली में सुधार आना चाहिए
उन्होंने ग्रेटर नोएडा और संतकबीर नगर में हुई घटनाओं की चर्चा की. उन्होंने इन घटनाओं की गहरी छानबीन कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस से जुड़े सभी विभाग कार्य योजना बनाकर शीघ्र ही प्रस्तुत करें और अच्छी पुलिसिंग की दिशा में कार्य करना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि वह भविष्य में कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्य प्रणाली के सन्दर्भ में जमीनी हकीकत जानने के लिए फील्ड विजिट करेंगे, तब तक पुलिस की कार्य प्रणाली में सुधार आना चाहिए.
जनता में विश्वास और सुरक्षा की भावना जरूरी
योगी ने कहा कि पुलिस अधिकारी अपने अतिव्यस्त समय में से कुछ समय निकालकर अपने अधीनस्थ पुलिस कर्मियों के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ किलोमीटर पैदल दौरा करें, इससे जनता में विश्वास और सुरक्षा की भावना पैदा होगी.
सतर्कता और सक्रियता ही पुलिस का मूल मंत्र होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा और शान्ति के लिए खतरा पैदा करने वाले लोगों की पहचान कर कार्रवाई किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सतर्कता और सक्रियता ही पुलिस का मूल मंत्र होना चाहिए. योगी ने कहा कि नवरात्रि और पर्वों के दौरान काफी संख्या में लोग मन्दिरों व मेले वाले स्थानों पर जाते हैं. इन स्थानों पर पेयजल, सफाई, पुलिस सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए. ऐसे शक्ति स्थलों का वरिष्ठ अधिकारी नियमित दौरा करें. उन्होंने अयोध्या में रामनवमी के मेले के लिए भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. साथ ही यह कहा कि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा ना हो.
मुख्यमंत्री बनने के एक हफ्ते के अंदर योगी ने जाहिर किये इरादे
उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के महज एक सप्ताह के अंदर समूचे मंत्रिमण्डल और नौकरशाही को अनुशासन तथा ईमानदारी को लेकर अपने ‘हठयोग’ का सुस्पष्ट संदेश देने वाले आदित्यनाथ योगी ने इस छोटी सी अवधि करीब 50 नीतिगत फैसले लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिये हैं. मुख्यमंत्री ने पदभार ग्रहण करने के अगले ही दिन सचिवालय का औचक निरीक्षण करके यह जाहिर कर दिया कि वह सरकारी तंत्र में वक्त की पाबंदी, काम में ईमानदारी और कार्यालय में स्वच्छता के मामले में कोई समझौता नहीं करेंगे. पिछले 40 साल के दौरान सचिवालय का दौरा करने वाले वह पहले मुख्यमंत्री हैं.