
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजद (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और बेटियों के घर पर छापेमारी के बाद कई बड़े आरोप लगाए हैं. ‘रेलवे लैंड फॉर जॉब स्कैम’ केस में ED ने 24 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया. ED की ओर से इसमें अब तक लगभग 600 करोड़ रुपये की संपत्ति को अपराध की आय (Proceeds of Crime) बताया गया है. अपराध की आय मतलब आपराधिक या अवैध तरीके से हासिल की गई संपत्ति.
ED ने कहा है कि दिल्ली की पॉश न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव का चार मंजिला बंगला सिर्फ 4 लाख रुपये में खरीदा गया था. अब बाजार में इसकी कीमत 150 करोड़ रुपये है. एजेंसी ने कहा कि ये संपत्ति एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर है. इस पर मालिकाना हक और नियंत्रण तेजस्वी यादव और उनके परिवार के पास है.
ED ने कहा कि कागज पर प्रॉपर्टी को एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस के तौर पर दिखाया गया है. जबकि, तेजस्वी यादव इसका इस्तेमाल आवासीय संपत्ति के तौर पर कर रहे हैं. इतना ही नहीं, छापे के दौरान तेजस्वी यादव इसी बंगले में रहते मिले.
एजेंसी ने दावा किया कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी के बदले पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर कई जमीनों का अवैध रूप से अधिग्रहण किया था. आज उन जमीनों की कीमत 200 करोड़ रुपये से अधिक है. इस मामले में कई बेनामीदारों, शेल संस्थाओं और लाभकारी लोगों की पहचान की गई है.
ED की जांच में पाया गया कि लालू यादव परिवार द्वारा ग्रुप D के आवेदकों से महज 7.5 लाख रुपये में चार प्लॉट अधिग्रहित किए गए थे. आरोप है कि इन प्लॉट्स को राबड़ी देवी ने राजद के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना को 3.5 करोड़ रुपये में बेच दिया था. एजेंसी ने आरोप लगाया कि इस राशि का एक बड़ा हिस्सा तेजस्वी यादव के खाते में ट्रांसफर किया गया था.
एजेंसी ने कहा कि रेलवे में ग्रुप D की नौकरियों के बदले में गरीब उम्मीदवारों और उनके माता-पिता से जमीनें ली गईं. कई रेलवे जोन में भर्ती किए गए उम्मीदवारों में से 50% से ज्यादा लोग लालू यादव के परिवार के विधानसभा क्षेत्रों से थे. लालू यादव के परिवार और उनके सहयोगियों की ओर से रियल एस्टेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश का पता लगाने के लिए जांच चल रही है.
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