कई विकसित देशों की तर्ज पर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना इजाफा हो सकता है. दरअसल सरकारी तेल कंपनियों का कीमतों की रोजाना समीक्षा करने का प्लान है. ताकि वह अंतर्राष्ट्रीय बाजार के मुताबिक हो. अभी 15 दिनों में तेल की कीमतों में बदलाव का प्रावधान है. इंडियन ऑयल कॉर्प, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम का देश के 95 फीसदी ईंधन खुदरा बाजार पर कब्जा है. इन कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने दैनिक अखबार ईटी को बताया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव की योजना को लागू करने के तौर-तरीके खोजे जा रहे हैं. इन कंपनियों के अधिकारियों ने इस सिलसिले में हाल ही में तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ मुलाकात की. एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, ‘रोजाना ईंधन मूल्य के विचार पर चर्चा कुछ समय से चल रही है. हालांकि, अब इसे लागू करने के लिए हमारे पास टेक्नोलॉजी है.’ अधिकतर फीलिंग स्टोशनों पर ऑटोमेशन, डिजिटल टेक्नोलॉजी की उपलब्धता और सोशल नेटवर्क्स ने कंपनियों के देशभर के 53000 पेट्रोल पंपों पर कीमतों में बदलाव को लागू करना काफी आसान बना दिया है. पहले प्राइस ट्रांसमिशन काफी पेचीदा काम होता था और डीलर्स को नई कीमत के लिए कंपनियों से फोन कॉल्स और फैक्स मैसेज का इंतजार करना पड़ता था. उसके बाद सप्लाई ऑर्डर को कम करने या इसे बढ़ाने को लेकर हड़बड़ दिखानी पड़ती थी, जिससे सप्लायर्स को भी असुविधा होती थी. अधिकारी के बताया, ‘रोजान मूल्यों में समीक्षा से भारतीय ईंधन (पेट्रोल-डीजल) बाजार अंतर्राष्ट्रीय मानक का बन जाएगा. इससे उपभोक्ता और डीलर्स दोनों को परचेज मैनेजमेंट में मदद मिलेगी.’ पेट्रोल या डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव का मतलब यह होगा कि कीमतों में ज़्यादा तेज़ी से बढ़ोतरी या गिरावट होगी, जैसा कि पिछले हफ्ते हुआ. सरकारी तेल कंपनियों ने 31 मार्च को पेट्रोल की कीमत में 3.77 रुपए प्रति लीटर और डीजल में 2.91 रुपए प्रति लीटर की कटौती की.
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