भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति चिंताजनक है, लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार इसे सामान्य बनाने का रास्ता ढूंढ लेगी। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति चिंताजनक नहीं है, यह चिंता की बात है। हम बातचीत के जरिए निश्चित तौर पर स्थिति पर नियंत्रण हासिल कर लेंगे। इसी दौरान जब उनसे पूछा गया कि किन लोगों से बातचीत की जाएगी तो उन्होंने किसी संगठन या नेता का नाम लेने से साफ तौर पर इनकार करते हुए कहा कि हम स्थिति संभाल लेंगे, सभी पक्षों से बात होगी और कोई न कोई रास्ता निकाल लिया जाएगा। शाह ने कहा कि जिस रणनीति के जरिए कश्नीर समस्या का हल निकालने की हम कोशिश कर रहे हैं उसे हम एक्सपोज नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हमारी सेना अच्छा काम कर रही है। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार राजनीतिक कदम उठाएगी या सुरक्षा उपाय अपनाएगी सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि दोनों तरीके इस्तेमाल किए जाएंगे। अगर हमारी सेनाओं के खिलाफ शस्त्र उठाया जाएगा तो हम शांत नहीं बैठेंगे। कश्मीर को भारत से कभी अलग नहीं किया जा सकता। चाहे मोदी सरकार हो या किसी की भी सरकार हो, देश की जनता बेहद जागरूक है। अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इवीएम को दोषी ठहराए जाने वाली ‘नकारात्मक राजनीति’ करने के लिए तीखी आलोचना करते हुए कहा कि बेबुनियाद आरोप लगाना आसान होता है, लेकिन जमीन पर काम करना बेहद कठिन। चुनाव परिणाम के लिए हमारे पार्टी के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर कठिन मेहनत कर रहे हैं, जिसका असर हाल के चुनावों में देखने को मिला है। अमित शाह ने केजरीवाल द्वारा भाजपा पर आम आदमी पार्टी को तोड़ने के आरोप पर कहा कि भाजपा की ऐसी कोई मंशा नहीं है, लेकिन आप नेताओं के बयान से ऐसा लगता है कि उनकी पार्टी में अंदरूनी विवाद है। दिल्ली नगर निगम चुनाव में हारने के बाद केजरीवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए सवाल पर शाह ने कहा कि इसका फैसला उन्हें खुद करना होगा।
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