भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पटना के बेली रोड पर सगुना मोड़ के पास लालू यादव परिवार के बन रहे चर्चित मॉल के निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। 750 करोड़ की लागत से 115 कट्ठा जमीन में लालू के पुत्र उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का बन रहा बिहार का यह सबसे बड़ा मॉल है। भाजपा दफ्तर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, स्टेट इन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथारिटी (सिया) की स्वीकृति लिए बिना मॉल का निर्माण कार्य शुरू कराने पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य बंद करने और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। मोदी ने कहा कि अब सिया भी दोबारा इसका निर्माण शुरू करने की अनुमति नहीं दे सकता है। दोबारा निर्माण कार्य शुरू कराने की अनुमति सिर्फ भारत सरकार ही दे सकती है। भाजपा नेता ने कहा, पर्यावरण मंत्रालय ने 15 मई को प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव, पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव और माल का निर्माण करा रही मेरिडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक व राजद विधायक अब्दुल दोजाना को निर्देश दिया है कि तत्काल निर्माण कार्य रोक दिया जाए। मोदी ने कहा कि 7.66 लाख वर्ग फीट में यह मॉल बन रहा है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम,1986 के तहत दो लाख वर्ग फीट से अधिक निर्माण के लिए सिया की अनुमति जरूरी है। मोदी ने कहा, स्वयं बिल्डर दोजाना ने अपने आवेदन में स्वीकारा है कि नींव की खुदाई का काम पूरा हो गया है इसलिए अब निर्माण शुरू करने की अनुमति के लिए आवेदन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, रांची और पुरी के रेलवे के दो होटलों को लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्वकाल में लीज पर देने के एवज में महज 15 लाख रुपये में प्रेमचंद गुप्ता की डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को बेली रोड की 115 कट्ठा जमीन रजिस्ट्री कर दी गई। इस कंपनी को बाद में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया। इसलिए यह बेनामी ट्रांजेक्शन है। इसी डिलाइट मार्केटिंग कंपनी और बिल्डर मेरिडियन कंस्ट्रक्शन के बीच मॉल निर्माण के लिए 5 मई 2016 को एमओयू हुआ और मिट्टी खुदाई शुरू हो गई। करीब एक साल बाद 20 अप्रैल को जब मॉल की मिट्टी को संजय गांधी जैविक उद्यान में आपूर्ति करने का खुलासा हुआ तब आनन फानन में निर्माण की अनुमति के लिए आवेदन दिया गया। मोदी ने कहा कि मिट्टी की खुदाई के लिए भी अनुमति नहीं ली गई। इसके लिए भी अलग से अनुमति लेनी पड़ती है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के भाई तेज प्रताप के पास वन विभाग है और सिया की मिलीभगत से निर्माण पर रोक लगाकर अवैध निर्माण के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।

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