PM मोदी के रूस दौरे पर हुए समझौते के आलोक में S-400 डिफेंस सिस्टम पर डील पक्की हो गई है और जल्द ही यह भारत को मिलने वाला है. यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. भारत और रूस के बीच मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर पूर्व से ही बातचीत चल रही थी और अब रूस की हामी के साथ ही यह डील अब पक्की हो गई है. भारत रूस से पांच ‘S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम’ और 200 ‘कामोव केए-226 टी’ हेलिकॉप्टर खरीदेगा. 40 हेलिकॉप्टर रूस से आएंगे और बाकी के हेलिकॉप्टर देश में ही बनेंगे. मोदी के दौरे के बीच रूस के उपप्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने ऐलान किया है कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली S-400 की आपूर्ति को लेकर प्रीकान्ट्रैक्ट तैयारियां जारी हैं. हालांकि इसमें और कितना वक्त लगेगा यह कहना मुश्किल है. पिछले साल गोवा में हुए ब्रिक्स समिट के दौरान ही 32 हजार करोड़ से ज्यादा की डिफेंस डील हुई थी. S-400 Triumf रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, इस विमान भेदी मिसाइल को 2007 में रूसी सेना में तैनात किया गया था. इस डिफेंस सिस्टम से विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है. मिसाइल से लेकर ड्रोन तक यानी इसकी मौजूदगी में कोई भी हवाई हमला आसानी से नाकाम किया जा सकता है. S-400 मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं. इसके पास अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी कैपिसिटी है. इस डिफेंस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं. यह एक तरह का मिसाइल शील्ड है. चीन के पास पहले से ही ये डिफेंस सिस्टम मौजूद है. पर अब ये हमें भी मिल जाएगा. ऐसे में अब हमें चीन को टक्कर देने में आसनी होगी. चीन ने भी रूस से ही यह डिफेंस सिस्टम खरीदा था.

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