राहुल की लीडरशिप में कांग्रेस ने महिलाओं का इस्तेमाल किया : बरखा सिंह
दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बरखा सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं पार्टी की सच्ची सैनिक हूं। पार्टी छोड़कर नहीं जाऊंगी, यहीं रहकर लड़ाई लड़ूंगी। आखिर वाइस प्रेसिडेंट पार्टी मेंबर्स से मीटिंग करने में क्यों डरते हैं?
बरखा सिंह ने कहा कि अजय माकन ने मेरे साथ बदसलूकी की, शिकायत पर राहुल गांधी ने कोई एक्शन नहीं लिया। राहुल की लीडरशिप में कांग्रेस ने महिलाओं का इस्तेमाल सिर्फ वोट बटोरने के लिए किया। बरखा ने आरोप लगाया कि एमसीडी इलेक्शन के टिकट बंटवारे में कार्यकर्ताओं की आवाज दबाई गई, महिला वर्कर्स को हाशिए पर रखा गया और उन्हें शिकायतों को रखने का मौका तक नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस के प्रेसिडेंट (माकन) ने अपने घर पर मेरी और कई महिला कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी की। हमनें इसकी शिकायत राहुल गांधी से की, लेकिन वाइस प्रेसिडेंट ने कोई एक्शन नहीं लिया। यह पार्टी का दोहरा कैरेक्टर है। जब बीजेपी नेता प्रियंका गांधी के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो कांग्रेस आला कमान चाहते हैं कि महिला कांग्रेस विरोध करे। लेकिन, जब माकन की शिकायत करते हैं तो हमें धमकाया जाता है।
बरखा ने दावा किया कि राहुल पार्टी नेताओं से मुलाकात नहीं करते। उन्होंने कभी पार्टी के इंटरनल इश्यूज पर बात करने की इच्छा नहीं जताई। आखिर वो अपने ही मेंबर्स से मीटिंग करने में क्यों डरते हैं? इसी वजह से कई सीनियर लीडर पार्टी छोड़कर चले गए। राहुल और माकन के इसी रवैए के चलते 5 डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट और 75 ब्लॉक प्रेसिडेंट्स संगठन से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके पहले टिकट बंटवारे के मुद्दे पर दिल्ली की एक महिला कार्यकर्ता ने माकन के खिलाफ बदसलूकी और धमकियां दिलवाने की शिकायत पुलिस से की थी।
उधर स्टेट कांग्रेस स्पोक्सपर्सन शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि एमसीडी इलेक्शन के खास मौके पर बरखा अपनी पर्सनल शिकायतों से पार्टी को नुकसान पहुंचा रही हैं। वह पार्टी की सिपाही नहीं, बल्कि चुनाव से पहले दुश्मनों की तरह काम कर रही हैं।
पार्टी छोड़कर भाजपा में गए कांग्रेस के पूर्व स्टेट प्रेसिडेंट अरविंदर सिंह लवली ने भी कहा है कि कांग्रेस में सीनियर लीडर्स को दरकिनार कर दिया गया। टॉप लीडरशिप को मेंबर्स के साथ मीटिंग का वक्त नहीं है। कांग्रेस गरीबों और महिलाओं के लिए काम करने वाली पार्टी नहीं रही।