मोदी लहर: 31 साल बाद शिमला नगर निगम पर भाजपा का क़ब्ज़ा, जीतीं सबसे ज्यादा सीटें
आखिर 31 वर्ष बाद बीजेपी का नगर निगम पर काबिज होने का सपना साकार हो गया. सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले एमसी (म्युनिसिपल कॉरपोरेशन) शिमला चुनाव काफी रोचक रहे हैं. इन चुनावों में कांग्रेस व बीजेपी के बीच मुकाबला कांटे का रहा है. हालांकि, एमसी के ताज की राहें आसान नहीं दिख रही हैं. लेकिन, वर्तमान परिस्थितियों में एमसी चुनाव के नतीजों के बाद एमसी पर बीजेपी काबिज होती दिख रही है.
बीजेपी ने बहुमत हासिल कर लिया है, क्योंकि 17 सीटों पर बीजेपी समर्थक प्रत्याशी जीते हैं. साथ ही एक निर्दलीय भी बीजेपी समर्थक जीता है. ऐसे में अगर निर्दलीय का समर्थन बीजेपी को मिलता है तो बीजेपी 18 पर पहुंच जाएगी और एमसी पर काबिज हो जाएगी. वहीं, अगर कांग्रेस की बात करें तो 12 कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जीते हैं और निर्दलीय चार में से तीन भी कांग्रेस समर्थित माने जा रहे हैं, ऐसे में 15 सीटें कांग्रेस की बनती है.
वहीं, अगर एक माकपा का समर्थन भी कांग्रेस को मिल जाए तो भी 16 सीटें होती हैं. ऐसे में कांग्रेस का नगर निगम शिमला पर काबिज होना मुश्किल दिख रहा है. अगर बीजेपी समर्थक एक निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थन बीजेपी को नहीं मिलता है तो बराबरी का मुकाबला हो जाएगा. बीजेपी व कांग्रेस की 17-17 सीटें हो जाएंगी. ऐसे में अब नगर निगम की कुर्सी की जंग रोचक होती दिख रही है.
जिला निर्वाचन अधिकारी रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि कम समय मे एमसी शिमला का चुनाव सम्पन हुआ है. जिसमें भाजपा समर्थित 17 पार्षद जीते हैं। वहीं 12 पार्षद कांग्रेस समर्थित, सीपीआईएम एक और चार पार्षद निर्दलीय जीते हैं.ताज़ा अपडेट पाने के लिए हमारे पेज को लाइक करें