नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबुल के साथ मेट्रो ट्रेन का सफर किया। वे मंडी हाउस से अक्षरधाम तक गए। इस दौरान उन्होंने सेल्फी भी ली। खास बात ये रही कि इस दौरान मेट्रो स्टेशन आम लोगों के लिए बंद नहीं किया गया। टर्नबुल कह चुके हैं कि भारत नरेंद्र मोदी की अगुआई में ग्रोथ और डेवलपमेंट की राह पर बढ़ रहा है। भारत दौरे पर आए टर्नबुल का सोमवार सुबह प्रेसिडेंट हाउस में वेलकम किया गया। दोनों देशों के बीच आतंकवाद निरोधी सहयोग को बढ़ावा देने वाले एक करार समेत 6 एमओयू साइन किए गए हैं। इनमें से एक टेरेरिज्म और ऑर्गनाइज्ड क्राइम के खिलाफ कोऑपरेशन पर भी है। दोनों नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने क्रिकेट डिप्लोमैसी का इस्तेमाल करते हुए कहा कि भारत के विराट कोहली और ऑस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ यंग क्रिकेटर्स को इन्सपायर कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलियाई पीएम के दौरे से दोनों देशों के रिश्ते और बेहतर होंगे। दोनों देश सहयोग को बढ़ाने के रास्ते पर सही तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया-इंडिया के बीच रिसर्च के क्षेत्र में भी बहुत काम हुआ है। दोनों देशों के साइंटिस्ट कई सेक्टर में भी काम कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच एजुकेशन सेक्टर में सहयोग बढ़ा है। भारत के करीब 60 हजार स्टूडेंट ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे हैं। वहां से भी हजारों स्टूडेंट्स हमारे देश में आ रहे हैं। इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया भारत को यूरेनियम दे रहा है। आज के दौर में ग्लोबल सिक्युरिटी बहुत अहम है। टेरेरिज्म और साइबर सिक्युरिटी पर दोनों देशों को चिंता है। दोनों देशों की नेवी को साथ आने की जरूरत है। मैरीटाइम सिक्युरिटी इस इलाके में बड़ा मुद्दा है। ऑस्ट्रेलियाई पीएम टर्नबुल ने कहा कि हम भरोसा दिलाते हैं कि इंडियन स्टूडेंट्स को बेहतर अपॉर्चुनिटीज मुहैया कराएंगे। इस दौरे से पहले ऑस्ट्रेलिया के एजुकेशन मिनिस्टर सिमोन बर्मिंघम ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया इंटरनेशनल एजुकेशन, ट्रेनिंग और रिसर्च में भारत के साथ काम करना चाहता है। उन्होंने कहा था कि वो इस पर भी बातचीत करेंगे कि दोनों देशों की यूनिवर्सिटीज के रिसर्चर्स दुनिया के सामने आ रहीं बड़ी प्रॉब्लम्स को हल करने के लिए ज्यादा करीब होकर कैसे काम कर सकते हैं। टर्नबुल सितंबर 2015 में पीएम बने थे, उसके बाद से उनका यह पहला भारत दौरा है। हाँलाकि मोदी से वे 2015 में जी-20 समिट में मिल चुके हैं। पिछले साल चीन के होंगझु में हुई ब्रिक्स समिट में भी दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी। मैल्कम से पहले पूर्व पीएम टोनी एबॉट सितंबर 2014 में भारत दौरे पर आए थे। इसके बाद उसी साल नवंबर में मोदी ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। टर्नबुल के साथ बर्मिंघम भी भारत आए हैं। उनके साथ यूनिवर्सिटीज, इंडस्ट्री और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूशन्स के 120 रिप्रेजेंटेटिव्स हैं। बर्मिंघम सिमोन एमएचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर और स्किल डेवलपमेंट एंड आंत्रप्रेन्योरशिप मिनिस्टर राजीव प्रताप रूडी के साथ बाइलेटरल मीटिंग करने वाले हैं। भारत पहुंचने के बाद टर्नबुल के लिए हैदराबाद हाउस में पूरी तरह शाकाहरी लंच की व्यवस्था की गयी। इसमें स्टार्टर, सूप, कबाब और मेन कोर्स तथा तीन डेसर्ट समेत कुल 14 खाने की चीजें परोसी गई। खाने की शुरुआत ‘पानीपूरी’ के साथ शुरू हुई। इसके आगे ब्रोकली वॉलनट सूप और दो तरह के कबाब- राजमा गुलाटी कबाब और पालक चुकंदर सीख कबाब था। मुख्य भोजन में मखाना मलाई अखरोट कोफता, अरबी मुसल्लम, मटर नज़ाकत, दाल पंच निज़ाम, तंदूरी चाप पुलाव और मिश्रित भारतीय रोटी था। खाने के बाद मिठाई और फल की भी व्यवस्था रही। केसर पिस्ता कुल्फी, मिल्क, ड्राइ फ्रूट्स और गुलाब के जल से तैयार कुल्फी फालूदा के अलावा दूसरे डेसर्ट के रूप में ‘करारी जलेबी’ थी। चार दिवसीय दौरे पर भारत आए ऑस्‍ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ दिल्‍ली मेट्रो का सफर किया। दोनों नेता के 4 बजे मंडी हाउस मेट्रो स्‍टेशन पहुंचने पर लोगों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए। मेट्रो के भीतर टर्नबुल ने पीएम मोदी के साथ सेल्‍फी भी ली। मंडी हाउस से मेट्रो में सवार हुए दोनों नेताओं ने अक्षरधाम तक सफर किया। मेट्रो स्‍टेशन से बाहर निकलकर दोनों नेता अक्षरधाम मंदिर पहुंचे।
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