सपा सरकार के कार्यकाल में अवैध कब्जा करने वालों को छेड़ने की हिम्मत कोई नहीं कर पाता था, लेकिन अब योगीराज में प्रशासन ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान व नगर के विधायक कपिलदेव अग्रवाल ने नगर में भ्रमण कर 80 बीघा सरकारी भूमि ढूंढ निकाली है, जिसको शीघ्र ही कब्जा मुक्त कराया जाएगा। इस संबंध में अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही काफी कुछ बदला-बदला सा नजर आ रहा है। योगीराज में पूरा महकमा चुस्त-दुरुस्त दिखाई दे रहा है। सिंचाई विभाग के डाक बंगले पर केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान और शहर विधायक कपिलदेव अग्रवाल ने नगरपालिका के ईओ अजीत सिंह समेत कई अधिकारियों के साथ बैठक कर शहर में तालाब आदि की वास्तविक स्थिति जानी। साथ ही शहर को कूड़े से निजात दिलाने की दिशा में भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके बाद ए-टू-जेड कंपनी से वार्ता कर एक हफ्ते में शहर से तमाम कूड़ा उठाने के निर्देश देते हुए उसका ब्लू प्रिंट बनवाया। इसके बाद शहर के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया। खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़ी 80 बीघा वह जमीन शहर में तलाश की, जिसमें कोई कार्य नहीं हो रहा था। सर्कुलर रोड स्थित खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की 52 बीघा जमीन में कई बड़े कारखाने आदि के लिए भवन बने हुए थे, जहां मकड़ी के जाले लगे हुए थे और झाड़ व कंटीली झाड़ियों उगे हुए थे। पिछले 25- 30 वर्षों से वहां एकाध कर्मचारी भी तैनात थे, जिन्हें मात्र 5-6 हजार रुपए महीना तनख्वाह मिलती है और वह भी समय पर नहीं। इसी तरह के हालात सहारनपुर रोड पर आनंदपुरी स्थित कंबल कारखाना की 28 बीघा जमीन का भी था। इसके बाद सरवट के बसंत विहार, इंदिरा कालोनी, महमूदनगर स्थित तालाबों का भी भौतिक निरीक्षण किया गया। जहाँ अधिकांश जगह पर लोगों ने पशु बांध रखे थे अथवा कच्चे-पक्के मकान बना लिए थे।
केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने तत्काल ईओ से बात कर उक्त जगहों पर स्थित तालाब की वास्तविक पैमाईश की जानकारी मांगी और कहा कि तालाब की जमीन शीघ्र खाली कराकर सफाई एवं सौदर्यकरण कराया जाए। डॉ. संजीव बालियान ने बताया कि जनपद में ऐसी जमीन की कमी नहीं है, जो सरकारी है और लंबे समय से काम में नहीं ली जा रही है। उन्होंने कहा वे केंद्र व राज्य में विभिन्न विभागों से वार्ता कर प्रयास करेंगे कि खादी संस्थान की व्यर्थ पड़ी जमीन का सही रूप में प्रयोग हो। यहां 50 बेड का ESI का अस्पताल बने, ताकि जनपद में रजिस्टर्ड लगभग 28 हजार श्रमिकों को चिकित्सा लाभ मिल सके।

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