भारत- अफगानिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान तालिबान का कर रहा इस्तेमाल : अमेरिका
पाकिस्तान को अफगानिस्तान का भारत के साथ संबंध अस्वीकार्य है और वह अपने दोनों पड़ोसी देशों के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने के लिए हक्कानी नेटवर्क एवं तालिबान जैसे संगठनों का इस्तेमाल कर रहा हैl
वाशिंगटन स्थित इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस पॉलिसी सेंटर, रैंड कॉरपोरेशन के निदेशक सेथ जोन्स ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि अफगानिस्तान का सबसे मजबूत क्षेत्रीय सहयोगी भारत है और यह बात पाकिस्तान को अस्वीकार्य हैl भारत को पाकिस्तान अपना शत्रु मानता है, जबकि अफगान सरकार भारत सरकार को अपना विश्वस्त सहयोगी मानता हैl
कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य टेड पो के सवाल के जवाब में जोन्स ने कहा कि जम्मू-कश्मीर जैसे स्थानों पर भारतीयों के खिलाफ और अफगानिस्तान में अपनी विदेश नीति के उद्देश्यों के आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान ने छद्म युद्धों का इस्तेमाल किया है, यहां इसका अर्थ हक्कानी नेटवर्क और तालिबान जैसे संगठनों को सहयोग देने से हैl इसलिए यह एक छद्म युद्ध हैl
आतंकवाद और परमाणु अप्रसार के मुद्दे पर बनी सदन की विदेश मामलों की उपसमिति द्वारा आयोजित एक सुनवाई में लॉन्ग वॉर जर्नल के संपादक बिल रोजियो ने कहा कि पाकिस्तान सरकार अपनी नीति को जारी रखे हुए हैl इस नीति के तहत पाकिस्तान है हर चीज को भारत से युद्ध के चश्मे से देखती हैl
पाकिस्तान भारत और अफगानिस्तान दोनों के साथ लगातार छद्मयुद्ध ही नहीं लड़ रहा बल्कि वह प्रॉक्सी वार भी कर रहा हैl इसी के तहत सोमवार को उसके सैनिकों ने घाटी में नियंत्रण रेखा पर सीजफायर का उल्लंघन करते हुए भारतीय सैनिकों के गश्तीदल को अपना निशाना बनाया तो उधर उसने दक्षिणी वजीरिस्तान में सीमा से लगे क्षेत्र में अफगानिस्तानी इलाके में सीमापार आतंकी गतिविधियों की जवाबी कार्रवाई करने का दावा कियाl.
इसके पूर्व अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच आर मैकमास्टर ने चुनिंदा आतंकी समूहों को निशाना बनाने पर पाकिस्तानी नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान को कूटनीति का इस्तेमाल करना चाहिए न कि छद्म रवैया अपनाना चाहिए जो अफगानिस्तान और अन्य स्थानों पर अपने हितों को जारी रखने के लिए हिंसा में शामिल हैl
मैकमास्टर ने पाकिस्तान पर कड़ा रुख लेते हुए तालिबान को छद्म बल के तौर पर इस्तेमाल करने और इसके नेताओं को शरण देने के लगते रहने वाले आरोप के आलोक में मैकमास्टर ने कहा कि हम सब कई सालों से यह उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तानी नेता यह समझेंगे कि पूर्व की रणनीति के विपरीत इन समूहों के खिलाफ कार्रवाई करना उनके अपने हित में हैl जबकि अफगानिस्तान और अन्य जगहों पर उनके हितों को जारी रखने का सर्वश्रेष्ठ तरीका कूटनीति का इस्तेमाल है ना कि छद्म रवैया का इस्तेमाल करना जो हिंसा फैलाता हैl
इस तरह के संकेत भी है कि अमेरिका पाकिस्तान पर अपना रुख कड़ा कर सकता हैl अमेरिका पाकिस्तान के साथ एक सहयोगी के तौर पर व्यवहार करना बंद कर सकता है और आतंकवादी समूहों के खिलाफ भविष्य में दी जाने वाली किसी भी सैन्य मदद पर शर्त लगा सकता हैl
अफगान इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज के निदेशक दावूद मोरादियन ने कहा कि सब जानते हैं कि तालिबान और अन्य आतंकी समूहों को समर्थन देने में पाकिस्तान की अहम भूमिका हैl उन्होंने कहा कि अमेरिका का नया प्रशासन यह समझ रहा है कि पाकिस्तान के साथ पहले की ‘तुष्टीकरण की नीति’ काम नहीं करेगी और इस पर पुनर्विचार करने की जरुरत हैl