बिहार में ट्रांसमिशन सिस्टम पर हुए काम का परिणाम सामने आने लगा है। सोमवार की रात बिहार में रिकार्ड 4100 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हुई। पहली बार बिहार में बिजली की उपलब्धता चार हजार मेगावाट के पार पहुंचा। इसके पूर्व इसी साल 2 अप्रैल को बिहार में रिकार्ड 3801 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई थी। हालांकि चार दिन पहले ही बिहार ने चार हजार मेगावाट का आंकड़ा पार कर लिया थाl आधिकारिक रूप से सोमवार की रात 4100 मेगावाट की नई ऊंचाई को छुआ। इसके कारण प्रदेश के लगभग पूरे हिस्से को भरपूर बिजली मिली। शहरी क्षेत्र को औसतन 22-24 घंटे जबकि ग्रामीण क्षेत्र को 12-14 घंटे बिजली मिली। उर्जा विभाग के प्रधान सचिव सह पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी प्रत्यय अमृत ने बताया कि वर्ष 2006 में बिहार में 700 मेगावाट से भी कम बिजली की उपलब्धता थी। वहां से सफर शुरू करने के बाद प्रदेश आज 4100 मेगावाट से ऊपर पहुंच गया है। दस वर्षों में बिहार में बिजली की उपलब्धता सात गुनी हो गई है। उस समय बिहार में मात्र 24 लाख बिजली उपभोक्ता थे जो आज बढ़कर 91 लाख से अधिक हो चुके हैं। जल्द ही सूबे में एक करोड़ बिजली उपभोक्ता होंगे। उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग भी बढ़ रही है। इस वर्ष के अंत तक बिहार में 5000 मेगावाट बिजली की उपलब्धता का लक्ष्य लेकर चलने वाली बिजली कंपनी इसी के अनुरुप ट्रांसमिशन क्षमता को मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस के तहत 30 अनुमंडलों में ग्रिड निर्माण किया जा रहा है, जिसे अगस्त 2017 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस योजना के बाद सूबे के सभी अनुमंडलों में ग्रिड हो जाएगा और बिजली का वितरण समरुप हो सकेगा। इन ग्रिडों के निर्माण के बाद सूबे की बिजली ट्रांसमिशन क्षमता में 1136 मेगावाट की वृद्धि हो जाएगी।
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