पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने बैल और सांड से बिजली पैदा करने के प्रोजेक्ट पर शुरुआती सफ़लता पाई हैl जिसे उर्जा तथा गौसंरक्षण क्षेत्र में एक क्रन्तिकारी कदम माना जाएगाl पतंजलि अपनी गुणवत्ता की बदौलत दैनिक इस्तेमाल होने वाली घरेलू चीज़ों में एक विश्वसनीय ब्रांड बन चुका हैl इन उत्पादों के बाद पतंजलि अपने इस नए प्रोजेक्ट के ज़रिए जानवरों की शक्ति का सकारात्मक प्रयोग कर उन्हें मांस के लिए कटने से बचाना चाहती हैl पतंजलि का मानना है कि दिन में बैलों का इस्तेमाल खेतों में हो सकता है और शाम को बिजली बनाने में इनका उपयोग किया जा सकता हैl इससे किसान न सिर्फ बिजली का खर्च बचा सकते हैं बल्कि उर्जा प्राप्ति के क्षेत्र में भी अपना क्रन्तिकारी योगदान दे सकते हैंl पतंजलि ने इस प्रोजेक्ट के लिए तुर्की की एक कंपनी और भारत की एक बहुराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल कंपनी से गठबंधन किया हैl बताया जाता है कि इस योजना पर काम कर 2.5 किलोवॉट बिजली पैदा की गयी हैl आचार्य बालकृष्ण ने अपने आईडिया की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा है कि आज के वक़्त में बैल, सांड और बाकी नर जानवारों को काटा जाता हैl हमें ये सोच बदलनी होगी कि ये किसी काम के नहीं हैंl बैल और सांड सुबह खेतों में और शाम को बिजली बनाने के काम आ सकते हैंl हमें इतिहास में देखना होगा कि किस तरह पुराने ज़माने में बैलों को बड़ी-बड़ी तोपें घसीटने के लिए इस्तेमाल करते थेl अगर इस शक्ति को हम टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ें, तो इसका एक सकारात्मक इस्तेमाल हो सकता हैl बैलों से बिजली पैदा कर किसान अपने इस्तेमाल के लिए पर्याप्त बिजली बना सकें, इस पर अनुसंधान चल रहा हैl ताज़ा अपडेट पाने के लिए हमारे पेज को लाइक करें
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