मेरठ के मुस्लिम बहुल कस्बे सिवालखास में सांप्रदायिक सौहार्द की एक अनूठी मिसाल तब देखने को मिली, जब यहां खुले में रखे एक ट्रांसफार्मर की चपेट में आकर एक बंदर की मौत हो गई। स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने बंदर को लाल कपड़े में लपेटकर उसकी अंतिम यात्रा निकाली औीर संस्कार किया।
सिवालखास में बस स्टैंड पर खुले में रखे ट्रांसफामर्र की चपेट में एक बंदर आ गया। यह बंदर पूरे मोहल्ले का पालतू था और घरों के आंगन में,रहता पेड़ों पर झूलता था। लोग उसे खाने को कुछ- कुछ देते रहते थे। यह बंदर मोहल्ले के बच्चों के साथ भी खेलता रहता था। मोहल्ले के लोग इस बंदर को रामू नाम से पुकारते थे। बंदर की मौत के बाद मोहल्ले में मातम की स्थिति बनी रही। मोहम्मद अनवर कुरैशी, मोहम्मद राशिद, मोहम्मद शोएब, चंगेज खान, मोहम्मद शकली, कपिल उपाध्याय, जीशान, शाहनवाज, हाजी जमीन और शिव कुमार शर्मा आदि मोहल्ले के लोगों ने बंदर की अंतिम यात्रा लाल कपड़े में लपेटकर निकाली और अंतिम संस्कार किया। ताज़ा अपडेट पाने के लिए हमारे पेज को लाइक करें