LOC पर इन दिनों टेंशन चल रही है। फौजी की पत्नियों की कुछ कहानियां सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही है। लेकिन फौजी को लेकिर मेरे दिन में एक ही बात आती है फौजी भी कमाल के होते है, जेब के छोटे बटवे में परिवार और दिल में हिंदुस्तान रखते हैं। एक फौजी की पत्नी और पेशे से वकील हैं। वो अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखती हैं कि एक आर्मी मैन की पत्नी होना अलग ही एक्सपीरियंस है। ‘हम पहली बार तब मिले जब मैं कॉलेज में लॉ की पढ़ाई कर रही थी और वो अकेडमी में कैडेट थे। सबकुछ बड़े मजेदार अंदाज में शुरू हुआ। ‘मैं और मेरी दोस्त हर हफ्ते के आखिर में 11 रुपए में एक बस पकड़ कर NDA की एकेडमी जाते थे। दरअसल, वहां कैंटिन में खाना बहुत सस्ता होता था! इस तरह मैं और मेरे पति दोस्त बने। हालांकि बहुत जल्द वे देहरादून के IMA चले गए और फिर एक ऑफिसर के तौर पूरे भारत में कई जगह उनका ट्रांसफर होता रहा। वो 2002 का साल था और मोबाइल फोन अभी भारत में आया ही था। ऐसे में हम चिट्ठियों से ही एक-दूसरे को अपनी रोजमर्रा के किस्से-कहानियां बताते थे। हमारी बातें बचकानी सी होती थी, लेकिन मुझे पता चला कि फौजी होने के बावजूद वह कितने नॉर्मल इंसान हैं। छह साल ऐसे ही चलता रहा और आखिरकार एक दिन उन्होंने मुझे SMS किया- ‘मेरे दिल में तुम्हारे लिए अहसास हैं और मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं’।
एक फौजी की पत्नी अकसर अकेलेपन को दूर करने के लिए इन्हीं बातों का सहारा लेती है। परिवार सबके लिए सबसे पहले होता है। लेकिन एक फौजी के लिए उसका परीवार एक बटवे तक सीमित होता है। उसके दिन में अगर कुछ होता है तो वो होता है हिंदुस्तान। वो देश के लिए मरता। उसके पास ये सोचने तक की फरसत नहीं होती कि अगर वो मर गया तो उसके परिवार का क्या होगा। वो देश को दिल में रखकर अपने परिवार को बटवे में जगह दे देता है। लेकिन जो भी है ऐसे वीरों के लिए दिल से एक ही बात निकलती है ”तुम पर गर्व है’

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