विकराल रूप से बढ़ती जनसंख्या की समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान में तीन ऐसे पिता के बारे में पता चला है, जिन्हें 96 बच्चे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि ये तीनों पिता गर्व से ये बातें बताते हैं. जब पत्रकारों ने उनसे पाकिस्तान की बढ़ती जनसख्ंया और उनके बच्चों से जुड़ा सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘अल्लाह उनकी जरूरतें पूरी कर देगा.’ साल 1998 के बाद पाकिस्तान में अब हुई जनगणना में काफी अंतर पाए गए हैं. 1998 में पाकिस्तान की जनसंख्या 13.5 करोड़ थी, जो इस साल 19 साल 20 करोड़ हो गई है. विश्व बैंक और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में हर महिला के औसतन तीन बच्चे हैं, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक जन्मदर है. पाकिस्तानी के बन्नू इलाके में रहने वाले 57 वर्षीय नागरिक गुलजार खान के 36 बच्चे हैं. वे फैमिली प्लानिंग के खिलाफ हैं, कहते हैं- ये तो अल्लाह की देन है, बच्चा पैदा करना प्राकृतिक प्रक्रिया है, भला मैं इसे क्यों रोकूं. इन दिनों गुलजार की तीसरी पत्नी गर्भवती हैं. उन्होंने कहा कि उनके बच्चों को क्रिकेट मैच खेलने के लिए किसी के सहयोग की जरूरत नहीं पड़ती है. गुलजार के भाई मस्तान खान वजीर (70) की भी तीन पत्नियां हैं. वजीर के 22 बच्चे हैं. उनका कहना है कि उनके पोते-पोतियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि वह गिन नहीं सकते. वजीर कहते हैं, ‘अल्लाह पर भरोसा रखें, वह अपने बंदों के रहने खाने का इंतजाम करता है. बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा में रहने वाले जान मोहम्मद के 38 बच्चे हैं. जान मोहम्मद 100 बच्चे पैदा करना चाहते हैं, इसलिए वे चौथी शादी करने की तैयारी में हैं. वे मानते हैं कि दुनिया में मुसलमानों की ताकत बढ़ाने के लिए जनसंख्या बढ़ान जरूरी है. मालूम हो कि बेतहाशा जनसंख्या बढ़ोत्तरी के चलते पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है. यहां जिस गति से जनसंख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, उस अनुपात में रोजगार के अवसर नहीं हैं.

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