महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक छोटे-से कस्बे शनि शिंगणापुर में बैंक की एक ऐसी ब्रांच है जिसमें ताला नहीं लगाया जाता। जानवर अंदर प्रवेश न कर सकें, इसलिए यहां शीशे के गेट तो लगे हैं, परन्तु उनमें ताले नहीं लगते। शनि शिंगणापुर के किसी भी घर या दुकान में दरवाजा ही लगा हुआ नहीं है, सभी घरों और दुकानों में सिर्फ चौखट लगी हुई है। इस कस्बे के तमाम लोग अपना कीमती सामान (जेवर या रुपया) किसी अलमारी या तिजोरी में भी नहीं रखते। यहां के लोगों की मान्यता है कि भगवान स्वयं इस जगह की सुरक्षा करते हैं, इसलिए यहां कभी ताला नहीं लगाया जाता। मान्यता यह भी है कि यहां पर चोरी की कोई कोशिश करेगा तो वो अंधा हो जाएगाl शिंगणापुर के 15 KM के आसपास के क्षेत्र में कभी चोरी नहीं होती। यहां पर यूको बैंक की एक शाखा है, सदियों से चली आ रही मान्यता के कारण दिन- रात या छुट्टी के दिन कभी भी शनि शिंगणापुर स्थित इस बैंक के दरवाजे पर ताला नहीं लगता। यूको बैंक की इस शाखा को देश की पहली लॉकलेस ब्रांच होने का दर्जा हासिल है। बैंक में शीशे के दरवाजे जरुर लगे हैं पर उनमें ताला नहीं लगाया जाता, वो सिर्फ जानवर को अंदर जाने से रोकने के लिए लगे हैं। शनि शिंगणापुर में गेट पर कभी ताले नहीं लगाए जातेl कैश की सिक्युरिटी के मद्देनजर कोई भी बैंक यहां पर अपनी शाखा खोलने के लिए तैयार नहीं था। यही कारण है कि 2011 से पहले तक इस कस्बे में किसी भी बैंक की शाखा नहीं खुली थी। कस्बे के लोगों ने बैंक में ताला ना लगाने की शर्त रखी थी जिसके कारण कोई भी बैंक, सरकार, लोकल पुलिस और RBI यहाँ शाखा खोलने को तैयार नहीं थी। यहाँ की तमाम परिस्थितियों पर विचार करने के बाद पुलिस और RBI के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा नियमों में छूट देने के बाद यूको बैंक की शाखा खोलने की अनुमती दीl तब 2011 में यहां यूको बैंक की शाखा खुली। कैश रखने के लिए बैंक में स्ट्रॉन्ग रूम है, उसमें चाहे जितना भी नगद हो लेकिन कभी भी उसमें ताला नहीं लगता। बैंक की ब्रांच शुरू होने के कुछ समय बाद तक बैंक पदाधिकारियों को डर लगा रहता था इसलिए बैंक ने दिन में भी सिक्युरिटी लगाई थी। बाद में धीरे-धीरे बैंक ने सिक्युरिटी को हटा दिया।

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