भारत ही नहीं दुनिया के कई अन्य देशों में भी दिवाली को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। कई देशों में दिवाली की ही तरह लाइट फेस्टिवल या फायर फेस्टिवल मनाया जाता है, जिनके पीछे वहां की स्थानीय मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। दुनिया में भारत के बाद अगर कहीं दिवाली का जश्न बेहद धूम-धाम से मनाया जाता है तो वो जगह है ग्रेट ब्रिटेन का लेस्टर शहर। जंगलों से घिरे इस शहर में दिवाली का जश्न देखने लायक होता है। असल में इस शहर में हिंदू, सिख और जैन समुदाय के काफी लोग रहते हैं लेकिन अब तो हर धर्म के लोग ही यहां हर साल दिवाली मनाने लगे हैं। भारत की ही तरह यहां लोग रात को अपना घर दीयों से सजाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। पार्क और स्ट्रीट में निकलकर पटाखे फोड़ते हैं और जमकर पर्व सेलिब्रेट करते हैं। इंग्लैंड में भी साल 1605 से एक ऐसा त्योहार मनाया जाता है जो दिवाली से काफी मेल खाता है। ये ब्रिटेन के लोगों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना भारतीयों के लिए दिवाली। इस दिन आधी रात होते ही ऑटरी सेंट मैरी शहर रोशनी से जगमगा उठता है। ब्रिटेन में ये फायर फेस्टिवल हर साल 5 नवंबर को मनाया जाता है। इस दौरान लोग 17 फ्लैमिंग बैरल लेकर रोड पर मार्च करते हैं। यहां भी लोग दिवाली की ही तरह पटाखे जलाते हैं और बोनफायर कर खुशियां मनाते हैं। जापान में भी दिवाली से मिलता-जुलता त्योहार ‘ओनियो फेयर फेस्टिवल’ खूब धूम-धाम से मनाया जाता है। जनवरी में आने वाला ओनियो फेस्टिवल जापान का सबसे पुराना फेस्टिवल है। जापान के फुकुओका में ये सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है और दिवाली की तरह ही लोग मोमबत्तियों और मशालों के जरिए शहर को रोशनी से भर देते हैं। इस दौरान छह मशाल जलाई जाती हैं जो कि आपदा को खत्‍म करने के प्रतीक के रूप में होती है। थाईलैंड में बिलकुल दीवाली जैसा ही एक त्योहार ‘लाम क्रियोंघ’ के नाम से मनाया जाता है। दिवाली की तरह ही इस पर्व के अनुष्ठान के मध्य में भी पैसा होता है। इस त्योहार पर थाईलैंड के लोग रात में केले की पत्तियों से बने दीपक और धूप को जलाते हैं और प्रार्थना करते हैं। बाद में इन जलते हुए दीयों को नदी के पानी में बहा दिया जाता है। हर साल जनवरी के आखिरी मंगलवार को स्‍कॉटलैंड के लेर्विक में भी दिवाली की ही तरह ‘अप हेली’ नाम का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व के पीछे की कथा भी दिवाली से बहुत मिलती-जुलती है। इस त्‍योहार में लोग प्राचीन समुद्री योद्धाओं जैसी ड्रेस पहने हाथ में मशाल लिए जुलूस निकालते हैं। इस दौरान पूरे शहर को रोशनी से सजाया जाता है। कनाडा के ‘न्यूफाउंड लैंड’ में भी 5 नवंबर को दिवाली की ही तरह एक रात को प्रकाशपर्व मनाया जाता है। इस रात को शहर रोशनी से सजायी जाती है और लोग आतिशबाजी करके खुशियां मनाते हैं। इसके पीछे कहानी है कि अंग्रेज और आयरिश लोग अच्छी जिंदगी की तलाश में कनाडा आकर बस गए थे और फिर यहीं रह गए। इसी दिन की याद में ये त्योहार मनाया जाता है। यहां भी लोग घरों को पेंट करते हैं और आग जलाकर रात में मस्ती करते हैं। फ्लोरिडा के अल्टूना शहर में भी दिवाली की ही तरह 31 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच मनाया जाने वाला ‘सैमहेन’ फेस्टिवल काफी मशहूर है। मान्यता है कि ये त्योहार भूतों के सम्मान में मनाया जाता है। इस दौरान यहां कई तरह के करतब भी दिखाए जाते हैं जिसे देखने पूरी दुनिया से लोग पहुंचते हैं।

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