रामजन्म भूमि न्यास के सदस्य, भाजपा के पूर्व सांसद और विवादित बाबरी ढांचा गिराने के आरोपी रामविलास वेदांती ने कहा कि विहिप नेता अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ और मेरे कहने पर ही 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने बाबरी विध्वंस किया था। जिस समय हमलोग कार सेवकों को ऐसा करने के लिए कह रहे थे, उस वक्त लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार समेत अन्य आरोपी और विहिप के अन्य नेता कार सेवकों को शांत कराने की कोशिश कर रहे थे। वेदांती ने कहा कि सीबीआई के अधिकारियों ने इन नेताओं के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करायी, भले ही इसके लिए उन्हें फांसी हो जाए लेकिन वो अपने इस बयान से नहीं पलटेंगे। ज्ञात हो कि अशोक सिंघल और महंत अवैद्यनाथ का निधन हो चुका है। रामविलास वेदांती का बयान ऐसे समय पर आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के बड़े नेताओं सांसद लाल कृष्ण आडवाणी, सांसद मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, विनय कटियार समेत 13 आरोपियों के खिलाफ बाबरी विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है। वेदांती ने कहा कि यह आरोप निराधार है कि वहां कोई मस्जिद तोड़ी गई। उन्होंने कहा कि वहां पर कोई मस्जिद थी ही नहीं। वहां एक ढांचा था जो राम मंदिर का खंडहर था जिसे नया राम मंदिर बनाने के लिए तोड़ा गया था। वेदांती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि अब देश-प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है, लिहाजा राम जन्मभूमि न्यास को उसकी 67 एकड़ जमीन वापस कर दी जाय। ताकि वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण कराया जा सके। वेदांती ने आगे कहा कि मैं रामलला से ये प्रार्थना जरूर करूंगा कि भारत सरकार और राज्य सरकार को ऐसी दिशा मिले कि जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण होl उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जजों को चुनौती दी कि ध्वंस के समय के साक्ष्यों का अयोध्या आकर पुनर्वलोकन करेंl वेदांती ने कहा कि सीबीआई की झूठी गवाही पर जजों ने फिर केस चलाने का आदेश दिया हैl सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल बुधवार को आडवाणी समेत 13 लोगों पर 1992 में गिरायी गयी विवादित बाबरी मस्जिद मामले में भा०दं०सं० की धारा 120बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
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