प्रेस काउंसिल के पूर्व चेयरमैन काटजू ने आगे लिखा- “अब निश्चित है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत जाएगा। ऐसी स्थिति में भारत अब आईसीजे के फैसले पर कुछ कह भी नहीं पाएगा।” इंडियन नेवी के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) का फैसला भारत के पक्ष में आया। इस फैसले को लेकर पूरे देश में खुशी मनाई जा रही है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रहे मार्कण्डेय काटजू ने इसे गलती बताया है। काटजू ने फेसबुक पर किए अपने पोस्ट में कहा कि भारत ने जाधव के मामले को ICJ के सामने ले जाकर गलती की। काटजू ने लिखा- जाधव पर आईसीजे के फैसले को लेकर लोग खुशी मना रहे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि इस मामले को आईसीजे में उठाकर भारत ने गंभीर गलती की है। एक तरह से हम पाकिस्तान के हाथों में खेल गए हैं। हमने पाकिस्तान को ICJ में और भी दूसरे मुद्दे उठाने की छूट दे दी। हो सकता है कि पाकिस्तान शायद इसी लिए आईसीजे के फैसले का गंभीरता से विरोध नहीं कर रहा है। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। जिसे लेकर भारत ने विरोध किया था। भारत जाधव की फांसी को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने भारत और पाकिस्तान की दलीलें सुनने के बाद जाधव की फांसी पर रोक लगा दी। साथ ही अपने फैसले में कोर्ट ने कहा था कि वियना समझौते के तहत जाधव को राजनयिक मदद दी जानी चाहिए थी। प्रेस काउंसिल के पूर्व चेयरमैन काटजू ने आगे लिखा- “अब निश्चित है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत जाएगा। ऐसी स्थिति में भारत अब आईसीजे के फैसले पर कुछ कह भी नहीं पाएगा। पाकिस्तान जाधव के मामले को लेकर आईसीजे ले जाने को लेकर खुश होगा, क्योंकि अब वह कई मुद्दे को उठा सकता हैं खासकर कश्मीर को। कश्मीर मुद्दे में किसी और के हस्तक्षेप का हम हमेशा से विरोध करते आए हैं। आईसीजे जाकर हमने भानुमती का पिटारा खोल दिया है।” काटजू के इस बयान को पाकिस्तानी मीडिया में प्रमुखता से चलाया जा रहा है।

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