उत्तरप्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई के बाद प्रदेश के अवैध बूचड़खाना संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं पड़ोसी राज्य बिहार में भी अवैध बूचड़खानों पर राज्य सरकार की तरफ से कार्रवाई शुरू हो गयी है. शुक्रवार को रोहतास जिले के सात अवैध बूचड़खानों को सील कर दिया गया है. पटना हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि रोहतास में सभी अवैध बूचड़खानों को 6 हफ्तों के भीतर बंद कर दिया जाए. 31 मार्च तक लाइसेंस रिन्यू नहीं होने के कारण रोहतास के बिक्रमगंज में जिला प्रशासन ने 7 बूचड़खाने सील किए. सासाराम के बिक्रमगंज में शुक्रवार को अवैध बूचडखानों पर सदर एसडीओ के नेतृत्व में ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान चलाया गया. छापेमारी अभियान में काफी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे. छापेमारी में करीब सात अवैध बूचड़खानों को सील कर दिया गया. इन इलाकों में पिछले कई सालों से अवैध बूचड़खाने बेधड़क चल रहे थे और इनपर कार्रवाई नहीं होने के कारण स्थानीय लोग बिक्रमगंज पुलिस पर लगातार बूचड़खानों के मालिक से मिली भगत का आरोप लगा रहे थे. पटना हाईकोर्ट ने छह सप्ताह के भीतर रोहतास जिले में चल रहे तमाम अवैध बूचड़खानों को बंद करने का निर्देश दिया, जिसके बाद इनपर कार्रवाई की गई और बूचड़खानों को सील कर दिया गया. इस आदेश के बाद स्थानीय कार्रवाई होने से स्थानीय लोगों में खुशी देखी जा रही है. बिहार में बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर दबाव बनाते हुए ना केवल अवैध बूचड़खानों को बंद करने की मांग उठाई थी बल्कि उन बूचड़खानों को जिनको लाइसेंस जारी किया है, उनके लाइसेंस को भी रद्द करने की बात कही थी. इस मुद्दे को बिहार विधानसभा में उठाते हुए प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार सरकार ने जल्द से जल्द अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की और उन्हें बंद नहीं किया तो इसको लेकर बीजेपी सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी. इस मसले पर बिहार सरकार में पशुपालन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने भी राज्य के तमाम अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा. बिहार में इस वक्त तकरीबन 150 अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं.
loading…

 12 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *