किसान आंदोलन की आग में झुलस रहे मध्य प्रदेश में हालात सुधरने की बजाए बिगड़ते ही जा रहे हैं। इस बीच अब एक के बाद एक कांग्रेसी नेताओं के भड़काऊ बयान वाले वीडियो भी सामने आ रहे हैं। भाजपा पहले ही आरोप लगा चुकी है कि किसानों को भड़काने के पीछे कांग्रेस का हाथ है। किसान आंदोलन की आग में झुलस रहे मध्य प्रदेश में हालात सुधरने की बजाए बिगड़ते ही जा रहे हैं। किसान आंदोलन में हिंसा का दौर शुक्रवार को भी जारी रहा, किसानों ने सीहोर में गाड़ियां फूंकी और पुलिस पर हमला किया। पुलिस ने आंसू गैस छोड़े, हवाई फायरिंग की। एक कांग्रेसी विधायिका वीडियो में भीड़ को उकसाती हुई थाने को फूंक देने की बात कहती नजर आ रही हैं। एक अन्य वीडियो में कांग्रेस के नेता और रतलाम जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि मेरी बात सुनो, एक भी गाड़ी आ जाए तो जला दो। थाना-पुलिस से डरने की जरूरत नहीं है। हमें जो करना पड़ेगा करेंगे। डीपी धाकड़ 4 तारीख से ही फरार हैं, इन पर स्थानीय प्रशासन ने 10 हजार रुपये का इनाम भी रखा हुआ है। धाकड़ के इस भड़काऊ भाषण का नतीजतन रतलाम के ढेलनपुर गांव में इनके समर्थकों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिसमें पुलिस की भी तीन गाड़ियां शामिल थीं। इस दौरान हुए पथराव में दो पुलिसवाले भी घायल हुए थे। एक अन्य वीडियो में शिवपुरी से कांग्रेस की विधायिका शकुंतला खटीक अपने आसपास खड़ी भीड़ को उकसा रही हैं- थाने में आग लगा दो, कहती दिख रही हैं। शंकुतला खटीक चंद सेकेंड के इस वीडियो में तीन बार “थाने में आग लगा दो” कहती हुई सुनाई दे रही है। शकुंतला खटीक कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबी मानी जाती हैं। कांग्रेस के ही राऊ से विधायक और AICC सचिव जीतू पटवारी का भी एक वीडियो सामने आ चूका है, जिसमें पटवारी गाली देते हुए भीड़ को उकसाते दिख रहे हैं। पटवारी इस सम्बन्ध में कहते हैं कि उनका मकसद तो लोगों को रोकना था। पुलिस लोगों पर लाठियां बरसा रही थी, ऐसे में लोगों को शांत करने के लिए मैंने ऐसा किया। मध्य प्रदेश के मंदसौर में मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों के उग्र होने पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी, जिसमें छह किसानों की जान चली गई। इस फायरिंग में पांच किसानों की उसी दिन मौत हो गई, जबकि एक अन्य किसान ने शुक्रवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। राज्य में सत्ताधारी भाजपा जहां कांग्रेस पर हिंसा फ़ैलाने का आरोप लगा रही है। वहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रही है। मंदसौर में फायरिंग में किसानों की मौत के बाद से भाजपा लगातार कांग्रेस पर किसानों को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप लगाती रही है। कांग्रेस नेताओं के भड़काऊ बयान वाले वीडियो सामने आने के बाद भाजपा के आरोपों को बल मिला है। रतलाम ने SP अमित सिंह कहते हैं, हमारे पास पूरे सबूत हैं, जिसमें इन्होंने भीड़ को हिंसा फैलाने और आगज़नी के लिए उकसाया और व्हाट्सऐप पर मैसेज फैलाए। हमने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस विधायक का यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि यही है काँग्रेस का असली चरित्र। इस पूरे मामले पर कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने कहा कि हम सरकार पर दबाव बनाने के लिए कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं करते। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट में लिखा कि- “मप्र के किसान आंदोलन की हिंसा के पीछे संघ समर्थित दो प्रतिस्पर्धी किसान संघटनों का विवाद है। भारतीय किसान संघ और भारतीय किसान मज़दूर संघ।”

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